Author: Barun Kumar
INCREDIBLE Akshat Singh dances his way to Ant & Dec’s GOLDEN BUZZER | Auditions | BGT 2019
देखिये अक्षत सिंह का ब्रिटैन गोट टैलेंट के गोल्डन बजर वाला वीडियो. आप प्रेरित होंगे मैं आश्वस्त कर सकता हूँ. पूरा पढ़ें...
The Kings’ Final Routine is an Action Movie Live on Stage – World of Dance World Finals 2019
क्या आप देखना नहीं चाहेंगे The Kings की अद्भुत परफॉर्मन्स जो आपको रिपीट देखने पर मजबूर कर दे? पूरा पढ़ें...
दो सर वाला पक्षी – अपरीक्षित कारक की कहानी
एक तालाब में भारण्ड नाम का एक विचित्र पक्षी रहता था । इसके मुख दो थे, किन्तु पेट एक ही था । एक दिन समुद्र के किनारे घूमते हुए उसे एक अमृतसमान मधुर फल मिला । पूरा पढ़ें...
राक्षस का भय – अपरीक्षित कारक की कहानी
एक नगर में भद्रसेन नाम का राजा रहता था। उसकी कन्या रत्नवती बहुत रुपवती थी। उसे हर समय यही डर रहता था कि कोई राक्षस उसका अपहरण न करले । पूरा पढ़ें...
वानरराज का बदला – अपरीक्षित कारक की कहानी
एक नगर के राजा चन्द्र के पुत्रों को बन्दरों से खेलने का व्यसन था । बन्दरों का सरदार भी बड़ा चतुर था । वह सब बन्दरों को नीतिशास्त्र पढ़ाया करता था पूरा पढ़ें...
दो सिर वाला जुलाहा – अपरीक्षित कारक की कहानी
एक बार मन्थरक नाम के जुलाहे के सब उपकरण, जो कपड़ा बुनने के काम आते थे, टूट गये । उपकरणों को फिर बनाने के लिये लकड़ी की जरुरत थी । पूरा पढ़ें...
ब्राह्मण का सपना – अपरीक्षित कारक की कहानी
एक नगर में कोई कंजूस ब्राह्मण रहता था । उसने भिक्षा से प्राप्त सत्तुओं में से थोडे़ से खाकर शेष से एक घड़ा भर लिया था । उस घड़े को उसने रस्सी से बांधकर खूंटी पर लटका दिया पूरा पढ़ें...
संगीतमय गधा – अपरीक्षित कारक की कहानी
एक धोबी का गधा था। वह दिन भर कपडों के गट्ठर इधर से उधर ढोने में लगा रहता। धोबी स्वयं कंजूस और निर्दयी था। अपने गधे के लिए चारे का प्रबंध नहीं करता था। पूरा पढ़ें...
दो मछलियों और एक मेंढक की कथा – अपरीक्षित कारक की कहानी
एक तालाब में दो मछ़लियाँ रहती थीं । एक थी शतबुद्धि (सौ बुद्धियों वाली), दूसरी थी सहस्त्रबुद्धि (हजार बुद्धियों वाली) । उसी तालाब में एक मेंढक भी रहता था । पूरा पढ़ें...
जब शेर जी उठा – अपरीक्षित कारक की कहानी
एक नगर में चार मित्र रहते थे । उनमें से तीन बड़े वैज्ञानिक थे, किन्तु बुद्धिरहित थे; चौथा वैज्ञानिक नहीं था, किन्तु बुद्धिमान् था । चारों ने सोचा कि विद्या का लाभ तभी हो सकता है पूरा पढ़ें...