Category: साहित्य
साहित्य – संगीत – कलाविहीनः, साक्षातपशु पुच्छविषानहीनः. मतलब ये कि जिस इंसान को साहित्य, संगीत और कला में दिलचस्पी नहीं है वो बिना पूँछ के पशु सामान है. और हमें बखूबी पता है कि आप ऐसे नहीं है. आपको तो दिलचस्पी है ही. तो यहाँ पर आपको कहानी, कविता, व्ययंग, प्रहसन और बहुत सारे ऐसे चीज मिलेंगे जिनसे आपकी साहित्यिक दिलचस्पी को पूरा किया जा सकेगा (बी पॉजिटिव).
अटल बिहारी वाजपेयी रचित कविता “जीवन बीत चला”
25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर में जन्में श्री अटल बिहारी वाजपेयी सिर्फ एक राजनीतिज्ञ ही नहीं बल्कि एक प्रखर कवी भी थे. अटल बिहारी वाजपेयी को सन् 2015 में देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था. इस पोस्ट में पढ़िए उनकी कविता "जीवन बीत चला". पूरा पढ़ें...
समय: एक महान उपचारक
उस दिन समय पर पटना पहुँचकर हम बहुत खुश थे। रेलवे प्लेटफ़ॉर्म को छोड़कर हमने अपने दोस्त के घर जाने के लिए एक ऑटो-रिक्शा किराए पर लिया, क्योंकि उसने मुझे फोन किया कि उसने अपने साथ एक इमारत में पहले से ही मेरे लिए एक कमरा ले रखा था। पूरा पढ़ें...
कुंज कुटीरे यमुना तीरे – माखनलाल चतुर्वेदी
कविता "कुंज कुटीरे यमुना तीरे" आधुनिक भारत के प्रखर राष्ट्रवादी लेखक, कवि व विलक्षण पत्रकार पंडित माखनलाल चतुर्वेदी की कृति है. पंडित माखनलाल चतुर्वेदी का जन्म 4 अप्रैल 1889 को मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले में बाबई नामक जगह पर हुआ था. पूरा पढ़ें...
कैदी और कोकिला – माखनलाल चतुर्वेदी
कविता "कैदी और कोकिला" आधुनिक भारत के प्रखर राष्ट्रवादी लेखक, कवि व विलक्षण पत्रकार पंडित माखनलाल चतुर्वेदी की कृति है. पंडित माखनलाल चतुर्वेदी का जन्म 4 अप्रैल 1889 को मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले में बाबई नामक जगह पर हुआ था. पूरा पढ़ें...
मैं अपने से डरती हूँ सखि – माखनलाल चतुर्वेदी
कविता "मैं अपने से डरती हूँ सखि" आधुनिक भारत के प्रखर राष्ट्रवादी लेखक, कवि व विलक्षण पत्रकार पंडित माखनलाल चतुर्वेदी की कृति है. पंडित माखनलाल चतुर्वेदी का जन्म 4 अप्रैल 1889 को मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले में बाबई नामक जगह पर हुआ था. पूरा पढ़ें...
दीप से दीप जले – माखनलाल चतुर्वेदी
कविता "दीप से दीप जले" आधुनिक भारत के प्रखर राष्ट्रवादी लेखक, कवि व विलक्षण पत्रकार पंडित माखनलाल चतुर्वेदी की कृति है. पंडित माखनलाल चतुर्वेदी का जन्म 4 अप्रैल 1889 को मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले में बाबई नामक जगह पर हुआ था. पूरा पढ़ें...
लड्डू ले लो – माखनलाल चतुर्वेदी
कविता "लड्डू ले लो" आधुनिक भारत के प्रखर राष्ट्रवादी लेखक, कवि व विलक्षण पत्रकार पंडित माखनलाल चतुर्वेदी की कृति है. पंडित माखनलाल चतुर्वेदी का जन्म 4 अप्रैल 1889 को मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले में बाबई नामक जगह पर हुआ था. पूरा पढ़ें...
एक तुम हो – माखनलाल चतुर्वेदी
कविता "एक तुम हो" आधुनिक भारत के प्रखर राष्ट्रवादी लेखक, कवि व विलक्षण पत्रकार पंडित माखनलाल चतुर्वेदी की कृति है. पंडित माखनलाल चतुर्वेदी का जन्म 4 अप्रैल 1889 को मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले में बाबई नामक जगह पर हुआ था. पूरा पढ़ें...
समय के समर्थ अश्व – माखनलाल चतुर्वेदी
कविता "समय के समर्थ अश्व" आधुनिक भारत के प्रखर राष्ट्रवादी लेखक, कवि व विलक्षण पत्रकार पंडित माखनलाल चतुर्वेदी की कृति है. पंडित माखनलाल चतुर्वेदी का जन्म 4 अप्रैल 1889 को मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले में बाबई नामक जगह पर हुआ था. पूरा पढ़ें...
बदरिया थम-थमकर झर री ! – माखनलाल चतुर्वेदी
कविता "बदरिया थम-थमकर झर री !" आधुनिक भारत के प्रखर राष्ट्रवादी लेखक, कवि व विलक्षण पत्रकार पंडित माखनलाल चतुर्वेदी की कृति है. पंडित माखनलाल चतुर्वेदी का जन्म 4 अप्रैल 1889 को मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले में बाबई नामक जगह पर हुआ था. पूरा पढ़ें...