खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी

सिंहासन हिल उठे राजवंशों ने भृकुटी तानी थी,बूढ़े भारत में आई फिर से नयी जवानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी... पूरा पढ़ें...

खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी

कविता – मधुबाला

मैं मधु-विक्रेता को प्यारी, मधु के धट मुझ पर बलिहारी, मधु-प्यासे नयनों की माला। मैं मधुशाला की मधुबाला! पूरा पढ़ें...

कविता – मधुबाला

कविता – मधुशाला

पुश्तैनी अधिकार मुझे है मदिरालय के आँगन पर, मेरे दादों परदादों के हाथ बिकी थी मधुशाला। पूरा पढ़ें...

कविता – मधुशाला

श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की कविताएँ

25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर में जन्में श्री अटल बिहारी वाजपेयी सिर्फ एक राजनीतिज्ञ ही नहीं बल्कि एक प्रखर कवी भी थे. आज 16 अगस्त 2018 को 93 वर्ष की आयु में वो दिल्ली के एम्स में अपनी अंतिम सांस लिए. पूरा पढ़ें...

श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की कविताएँ

कविता – कदम्ब का पेड़

सुभद्रा कुमारी चौहान (16 अगस्त 1904 - 15 फरवरी 1948) हिन्दी की सुप्रसिद्ध कवयित्री और लेखिका थीं। उनके दो कविता संग्रह तथा तीन कथा संग्रह प्रकाशित हुए पर उनकी प्रसिद्धि झाँसी की रानी कविता के कारण है। पूरा पढ़ें...

कविता – कदम्ब का पेड़

राम प्रसाद बिस्मिल की कविताएँ

राम प्रसाद बिस्मिल भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की क्रान्तिकारी धारा के एक प्रमुख सेनानी थे. उन्होंने सन् 1916 में 19 वर्ष की आयु में क्रान्तिकारी मार्ग में कदम रखा था. 11 वर्ष के क्रान्तिकारी जीवन में उन्होंने कई पुस्तकें लिखीं और स्वयं ही उन्हें प्रकाशित किया. पूरा पढ़ें...

राम प्रसाद बिस्मिल की कविताएँ

सुमित्रानंदन पंत जी की कविता ‘आते कैसे सूने पल’

1961 में 'पद्मभूषण' की उपाधि से विभूषित, जीवन-पर्यन्त रचनारत, अविवाहित पंत जी के ह्रदय में नारी और प्रकृति के प्रति आजीवन सौन्दर्यपरक भावना रही. हिंदी साहित्य पंत जी के रचनाओं से हमेशा सुशोभित होता रहेगा. आइए यहाँ आज उनके रचित कविता आते कैसे सूने पल पढ़ते है. पूरा पढ़ें...

सुमित्रानंदन पंत जी की कविता  ‘आते कैसे सूने पल’

रामधारी सिंह ‘दिनकर ‘ की कविताएं

'दिनकर' स्वतन्त्रता पूर्व एक विद्रोही कवि के रूप में स्थापित हुए और स्वतन्त्रता के बाद राष्ट्रकवि के नाम से जाने गये। 24 अप्रैल 1974 को वो इस भूलोक को हमेशा के लिए त्याग दिए. आइए आज उनके द्वारा रचित कुछ बेहद ज़रूरी कविता पढ़ते है. . . . पूरा पढ़ें...

रामधारी सिंह ‘दिनकर ‘ की कविताएं

महादेवी वर्मा की कविताएँ

26 मार्च 1907 को फरुखाबाद में जन्मीं महादेवी वर्मा हिंदी साहित्य की सबसे प्रतिष्ठित कवियत्रियों में से एक है. छायावाद के सबसे अग्रणी कवियत्री महादेवी वर्मा को आधुनिक मीरा भी कहा जाता है. इलाहाबाद के प्रयाग महिला विद्यापीठ में वो प्रिंसिपल से लेकर वॉइस-चांसलर जैसे उच्च पदों पर काम की. पूरा पढ़ें...

महादेवी वर्मा की कविताएँ