Category: मित्रभेद
पंचतंत्र के इस भाग में मित्रों में मनमुटाव एवं अलगाव कि कहानी को विशेष रूप से दर्शाया गया है.
कहानी – सियार और ढ़ोल (The Jackal and the Drum)
अपनी मांद में घुसते ही सियार बोला 'ओ सियारी! दावत खाने के लिए तैयार हो जा। एक मोटे-ताजे शिकार का पता लगाकर आया हूं।' पूरा पढ़ें...
कहानी – बन्दर और लकड़ी का खूंटा
एक समय शहर से कुछ ही दूरी पर एक मंदिर का निर्माण किया जा रहा था. मंदिर में लकडी का काम बहुत था इसलिए लकडी चीरने वाले बहुत से मज़दूर काम पर लगे हुए थे. पूरा पढ़ें...