पुलवामा में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि: नैना अश्क़ ना हो. .!!
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर लेथपोरा के पास आतंकवादी आदिल अहमद ने आईईडी धमाका कर सीआरपीएफ़ (CRPF) के काफिले को निशाना बनाया। इस हमले में 42 जवान शहीद हुए हैं और कई घायल हैं। अभी तक सीआरपीएफ के 42 जवानों के शहीद होने की पुष्टि हो चुकी है। 300 किलोमीटर का यह राजमार्ग रणनीतिक रूप से काफ़ी अहम है और यह घाटी को जोड़नेवाली एकलौती सड़क है। पुलवामा में अवंतीपोरा के गोरीपोरा इलाके में सीआरपीएफ की तीन बटालियनें 35, 54 और 179 जा रही थीं। करीब 70 गाड़ियों में 2500 से ज्यादा जवान थे। उनकी गाड़ियां हाईवे से गुजर रही थी। फिलहाल इस राजमार्ग पर गाड़ियों की आवाजाही रोक दी गई है और पूरे इलाक़ों में हमलावरों को खोजने का काम चल रहा है।
कश्मीर के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस आतंकी घटना की जिम्मेदारी ली है। जैश-ए-मोहम्मद वही आतंकी संगठन है जिसको मसूद अजहर चलता है। जैश-ए-मोहम्मद के प्रवक्ता मोहम्मद हसन ने एक बयान जारी कर कहा है कि आदिल अहमद उर्फ़ वक़ास कमांडो ने इस हमले को अंजाम दिया है। वक़ास कमांडो को पुलवामा ज़िले का ही निवासी है। भारत के पूर्व सेना प्रमुख और केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह ने इस चरमपंथी हमले को कायरतापूर्ण बताते हुए ट्वीट किया है, ”एक सैनिक और भारतीय नागरिक होने के नाते इस कायरतापूर्ण हमले को लेकर मेरा ख़ून खौल रहा है। पुलवामा में हमारे बहादुर सैनिकों ने जान गंवाई है। मैं इस निःस्वार्थ बलिदान को सलाम करता हूं और वादा करता हूं कि हमारे सैनिकों के ख़ून के हर क़तरे का बदला लिया जाएगा।” इसके बाद लगभग सभी नेताओं के बयान आये। सभी ने अपनी अपनी तरह से विरोध प्रकट किया।
इससे पहले भी सुरक्षा बलों को खुफिया एजेंसियों ने एक अलर्ट जारी किया था और कहा था कि IED ब्लास्ट हो सकता है। ये अलर्ट 8 फरवरी को जारी हुआ था। और इस अलर्ट के एक हफ्ते के बाद ही ये धमाका हो गया। 14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद पूरे देश में गम का माहौल है। लोगों में गुस्सा और आक्रोश भरा हुआ है। अभी सीआरपीएफ काफिले पर हुए हमले के आंसू सूखे भी नहीं थे कि 18 फरवरी की सुबह एक बार फिर से 4 जवानों के शहीद होने की खबर आ गई। लेकिन इसी के साथ एक अच्छी खबर भी मिली है कि पुलवामा हमले का मास्टरमाइंड गाज़ी राशिद को मार गिराया है। दरअसल 14 फरवरी से ही सर्च ऑपरेशन जारी है और आतंकियों के ठिकाने को नष्ट किया जा रहा है।
ये सब तो कब से चल रहा है। तमाम बड़ी खबरों के बीच से कोई अच्छी खबर आ जाती है और हम खुश हो जाते हैं। हमें खुशी तो मिलती है लेकिन किस कीमत पर. .?? दस जानों के बदले एक जान. .!! माफ कीजिए साहब मगर बात तो एक के बदले दस लाने की हुई थी। हमारे देश में अभी पूर्ण बहुमत की सरकार है। किसी भी पार्टी का कोई प्रेशर नहीं कि हम अपना समर्थन वापस ले लेंगे। अब आपके मन में ये सवाल आ गया होगा कि राष्ट्रहित में ऐसा कौन ही पार्टी करना चाहेगा, तो मेरे दोस्त. . . .अपने यहाँ जयचंदों की कमी नहीं है। एक ढूँढने जाएँगे तो दस मिल जाएँगे। शर्म और लज्जा के नाम पर अगर कोई पार्टी पीछे से भी सपोर्ट करे तो टुकड़े और आरक्षण गैंग वाले सबसे पहले चिल्लाना शुरू कर देंगे कि ऐसा नहीं हो सकता, ये मानवाधिकार के खिलाफ है, मोदी देश बेच रहा है, फलाना, ढिमाका। हम तो कह रहे हैं कि इससे शुभ मुहूरत हो ही नहीं सकता कुछ भी भारतीय सरकार के लिए। एक सरकार के लिए सबसे बड़ा डर होता है कुर्सी जाने का। यहाँ तो मोदीजी को यह भी डर नहीं होनी चाहिए। जिस 56 इंच के छाती को दिखाकर चुनाव जीते थे अब वक़्त आ गया है उसी 56 इंच के छाती का इस्तेमाल करने की। हमारे राजू भाई ने तो स्पष्ट कह दिया है कि शिक्षा और रोजगार को गोली मारो पहले वो काम कीजिए जिसे करने के लिए सवा सौ करोड़ जनता ने आपको चुना है। सरकारें आएगी जाएगी, यह लोकतंत्र है यहाँ कोई भी खूंटा गाड़कर बैठने के लिए नहीं आया है। लेकिन यह काम जो सरकार कर दे उसका इतिहास में अमर हो जाना तय है।
राजू श्रीवास्तव जी का वीडियो निचे क्लिक करके देखिए:
हम फेसबुकिये कि तरह ये नहीं कहते कि आप पाकिस्तान को जमीन से ही उखाड़ कर फेंक दे। ये पूरी तरफ से आपके हाथ में नहीं है। हाँलाकि जिस इंटरनेशनल प्रेशर की आप बात कर रहे हैं, कल उसी को आप धत्ता बता रहे थे। खैर, धरा 370 तो हटाया जा ही सकता है। आपने अलगाववादी नेताओं की सेक्योरिटी वापस ली। आप उनलोगों पर अबतक करोड़ों खर्च कर चुके हैं। और अब सिक्योरिटी वापस लेने के बाद वो बोल रहे हैं कि हमने केंद्र सरकार से कभी भी सिक्योरिटी की मांग ही नहीं की। वो तो सरकार अपने आप ही हमें देते हैं। अगर कश्मीर में रहकर भी वो इतने इत्मीनान से बात कर सकते हैं तो हमें उनके पहुँच का अंदाजा लगाने में कुछ भी मुश्किल नहीं होने वाला।
आदरणीय मोदीजी, धारा 370 को खतम कीजिए। कश्मीर कि आधी से ज्यादा समस्या यूँ ही खतम हो जाएगी। वो सैकड़ों हमारे जवान भाई जो भारत माता की सेवा में हर साल कुर्बान होते हैं वो नहीं होगा। हमारे बहादुर शहीदों के परिजन आपको दुआएँ देंगे। जो वो भुगत चुके हैं, वो नहीं चाहेंगे कि दूसरे भी भुगतें। जिस माँ ने अपना बेटा खोया है, वो दूसरे के साथ ऐसा होते नहीं देखना चाहेगी। सूनी कलाई वाली बीवी दूसरे की कलाई को सूनी नहीं देखना चाहेगी। भारत माँ के वीर जवान जो पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए हैं बेजोड़ जोड़ा उनकी शहादत को सलाम करता है और दुःख कि इस घड़ी में उनके परिवार के साथ अपनी संवेदना प्रकट करता है।
जय जवान – जय किसान
भारत माता की जय
वीडियो: पुलवामा हमले के मद्देनज़र हमें उरी फिल्म देखनी क्यों ज़रूरी है?
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