साठ और सत्तर के दशक में मुमताज़ जैसी चमक किसी की नहीं थी
वक्त की एक खास बात होती है कि ये गुजर जाती है, लेकिन कोई भी वक़्त ऐसा नहीं है जो हमें कुछ ना कुछ नहीं दिया हो. ऐसे ही एक वक़्त ने हमें मुमताज दिया. वो मुमताज़ जिसपर हिंदी सिनेमा दशकों तक गर्व करता रहा और करता रहेगा. साठ और सत्तर के दशक में मुमताज़ फ़िल्में हिट होने का पर्याय बन चुकी थी. प्रोड्यूसर - डायरेक्टर उनके डेट्स लेने के लिए तरसते थे. उस वक़्त की सबसे व्यस्त कलाकारों में से एक थी मुमताज़. आज जब मुमताज़ अपना 71वाँ जन्मदिन मना रही है तो उनके बारे में कुछ बात ना करना बेमानी होगी.
31 जुलाई 1947 को बॉम्बे में जन्मीं मुमताज में माता-पिता ईरानी और अफगानी मूल के थे. मुमताज के जन्म के साल भर के बाद ही दोनों में तालाक हो गया. उनकी एक छोटी बहन है मल्लिका, जिसकी शादी दारा सिंह के छोटे भाई रंधावा से हुई है. मल्लिका और रंधावा का एक बेटा भी है, शाद रंधावा. शाद को मोहित सूरी की फिल्मों में विशेष रूप से देखा जा सकता है. खैर, मुमताज की बात करते हैं. सिर्फ 14 साल की उम्र में फिल्मों में आ गयी मुमताज़ की पहली फिल्म वर्ष 1961 में आयी थी स्त्री.
आने वाले सालों में मुमताज़ फौलाद, वीर भीमसेन, राका और डाकू मंगल सिंह सरीखी फिल्मों में काम की और उनकी पहचान एक स्टंट हिरोईन के तौर पर बन गयी. लेकिन उनके फ़िल्मी कैरियर को सही दिशा मिला राज खोसला की फिल्म दो रास्ते से. इसमें मुमताज़ को राजेश खन्ना के ऑपोजिट कास्ट किया गया था. फिल्म खासी हिट रही और मुमताज़ सुपरस्टार बन गयी. उसके बाद वो धर्मेंद्र, राजेंद्र कुमार, और शम्मी कपूर जैसे दिग्गज के साथ काम की और लगातार करती चली गयी.
साल 1974 में मुमताज एक बिजनेसमैन मयूर माधवानी से शादी कर ली. मुमताज की दो बेटियां है जिनमें से एक नताशा की शादी एक्टर फरदीन खान से हुई है. मुमताज के पास ब्रिटिश की नागरिकता है और वह अपने परिवार के साथ अब लन्दन में ही रहती है. मुमताज़ की एक खास बात यह रही की उनपर फिल्माए गीतों ने बहुत ही अच्छी लोकप्रियता हासिल की. उनके गीत कुछ ऐसे हैं जिसे लोग आज भी पुरे दिल से सुनते और गाते हैं. हम बेजोड़ जोड़ा की टीम के तरफ से आज उनको जन्मदिन की ढेर सारी बधाई देते हैं और उनकी लम्बी आयु की कामना करते हैं.
आइए आपको उनपर फिल्माए गए कुछ सदाबहार गीत सुनाते हैं. . .