मीना कुमारी पर विशेष: चाँद तनहा है आसमाँ तनहा…
फरवरी के अंत में जब हम हिन्दी सिनेमा के अतीत पर विचार करते हैं तो याद आती है फरवरी 1972 में रिलीज हुईं फिल्म ‘पाकीजा’। उसके साथ ही ज़ेहन में अनेकों बिम्ब उभर आते हैं। वे बिम्ब होते हैं उस फिल्म की नायिका, अदाकारा:- मीना कुमारी के। जैसे : पहली अगस्त 1933 को, मुंबई में एक हारमोनियम वादक और स्टेज डांसर के घर जन्मी, और जन्म के बाद अनाथालय में डाल दी जानेवाली मीना कुमारी।
बचपन में ही गरीबी के चलते अपना मूल नाम ‘महजबीं’ और पढ़ाई को छोड़कर परिवार के लिए फिल्मों से रोटी कमाने वाली मीना कुमारी।
90 से अधिक फिल्मों में बेमिसाल अभिनय करने वाली और फिल्म ‘बैजु बावरा’ में अभिनय के लिए पहला ‘फिल्म फेयर अवार्ड’ पाने वाली मीना कुमारी।
सिनेमा के पर्दे पर भारतीय नारी की देवी, माँ, सहचरी, प्राण की छवि स्थापित करने वाली और दुख-दर्द वाले चरित्रों में विशिष्ट भावप्रवणता के चलते ‘ड्रेजडी क्वीन’ का खिताब पाने वाली मीना कुमारी।
सिर्फ अभिनय ही नहीं बल्कि शेरो-शायरी, कास्ट्यूम और ज्वेलरी डिजायनिंग में सिद्धहस्त मीना कुमारी।
बेहद दयालु और दूसरों का ख्याल रखनेवाली फिर भी रिटेक के नाम पर थप्पड़ों से पिटवा दी जाने वाली मीना कुमारी।
सफलता के चरम पर, सिर्फ प्यार के नाम पर अपने से उम्र में बहुत बड़े निर्देशक कमाल अमरोही की दूसरी बीवी बन जाने वाली मीना कुमारी।
बच्चों से बेहद लगाव होने के बावजूद पति द्वारा जबरन तीन बार गर्भपात करवाने के चलते तलाक लेकर शराब के नशे में डूब जाने वाली मीना कुमारी।
दूसरों को हाथ पकड़कर सफलता की सीढ़ी चढ़ाने वाली पर बदले में जफ़ा और दगा पाने वाली मीना कुमारी।
अपने गुनहगार पति की वर्षों से बंद पड़ी फिल्म (पाकीजा) में, अंतहीन अवसाद और लिवर सिरोसिस से जूझते हुए भी अभिनय करके उसे अमर बना देने वाली मीना कुमारी।
अपनी बदनसीबी और लचारगी पर, “चाँद तनहा है आसमां तनहा...छोड़ जाएँगे यह जहां तन्हा” नज्म लिखनेवाली और उसे सच साबित करते हुए 31 मार्च 1972 को बेहद तनहाई और मुफ़लिसी में, मुंबई के एक अस्पताल में मौत के आगोश में समा जाने वाली मीना कुमारी। और इस तरह रिश्तों और व्यवहार पर गंभीर सवाल छोड़ जाने वाली मीना कुमारी।
मीना कुमारी, मेरी सबसे ज्यादा पसंदीदा अभिनेत्री. आज भी फुरसत में उनकी फ़िल्में सिर्फ इसलिए देखता हूँ कि वह स्क्रीन पर जीवित होती हैं. उनकी जन्मतिथि पर उन्हें याद करते हुए...
------ कृष्ण मोहन
हमारे प्रिय कृष्ण मोहन भैया मीना कुमारी के बहुत बड़े वाले प्रशंसक है. तो इस बार हमने उनके जन्मतिथि के अवसर पर कुछ भेजने को बोला तो वो यह दर्द परोस गए. कृष्ण मोहन जी से व्यक्तिगत रूप से जुड़ने के लिए आप उनको फेसबुक पर फॉलो भी कर सकते है और उनको मेल भी. इसी तरह की बेजोड़ स्टोरी के लिए हमारे पेज को लाईक एवं शेयर करें.
बेहद उम्दा।
Bahut accha k Mohan bhai