
प्रभु देवाः वो डांसर, जिन्होंने सलमान खान को नई ज़िन्दगी दी.
हिन्दी फिल्मों में डांस तो पहले भी होता था. लेकिन यह आदमी जब से इस इंडस्ट्री में अपना पैर रखा उस दिन से डांस की परिभाषा ही बदल गई. नृत्य निर्देशन तो बहुत कम ही किये, लगभग नहीं के बराबर. लेकिन जिन फिल्मों का उसने निर्देशन किया वो धमाकेदार रही. अप्रैल महीने के तीसरे दिन साल 1973 में लिंगायत परिवार में इनका जन्म हुआ.
पिता तेलुगु फिल्मों के कोरियोग्राफर थे. तो ऐसा बोल सकते है की डांस का शौक जनाब को बचपन में ही लग गया था. बॉडी का रिदमिक मूवमेंट तो उनके खून में था. बचपन में ही इन्होंने भारतीय क्लासिकल डांस भरतनाट्यम की शिक्षा ले ली थी और साथ ही वेस्टर्न भी. और यहीं से जनाब का फ़िल्मी सफर भी शुरू हो गया.
फ़िल्मी परदे पर तो उन्होंने अपनी पहली अपीयरेंस सिर्फ 13 साल की उम्र में ही दे चुके थे. जब वो एक तमिल फिल्म मौना रगम (1986) में एक बांसुरी बजाते हुए बच्चे का रोल प्ले किये थे. फिर जब वो 19 साल के हुए तो अपनी पहली तमिल फिल्म कोरियोग्राफ की. वो भी किसी ऐरे - गैर की नहीं, साउथ के सुपर स्टार कमल हासन की फिल्म वेटरी विज़हा और साल हो चला था 1989.
लोगों की नज़रों में वो पहली बार तब आये जब मुकाबला गाना हिट हुआ था. वो अपने ट्रुप्स के साथ विदेशों में भी काफी परफॉर्मेंस देते है. आज डांस में कैरियर बनाने वाले हर एक युवक / युवती इनको भगवान की तरह पूजते है. हिन्दुस्तान का माइकल जैक्शन इन्हें यूं ही नहीं कहा जाता.

हिन्दी फिल्मों के निर्देशन में आए इन्हें लगभग एक दशक ही हुआ है. लेकिन यहां भी इन्होंने अपनी धाक दिखा दी. आइए बताते है इनके हिंदी फिल्मों के सफर की कुछ दिलचस्प बातें.
सलमान खान जहाँ से भाई होने का नया परिभाषा लिखा

प्रभु देवा जब बॉलीवुड में निर्देशन करने की ठानी तो उन्हें तो एक साउथ की रीमेक के अलावा कुछ भी कम नहीं चाहिए था. जिसके लिए उन्होंने चुना पूरी जगन्नाथ निर्देशित और महेश बाबू द्वारा अभिनीत 2006 की रिलीज फिल्म पोकिरी को. पोकिरी उस साल की साउथ की सबसे ज्यादा कमाई करने वाले फिल्मों में थी. उसी महेश बाबू के किरदार में सलमान खान को लिया गया था. यही वो फिल्म थी जिसने सलमान खान के कैरियर को नई ऊंचाई दी. वरना इससे पहले तो वह बस काम कर रहे थे. हिट फिल्मों से कोसो दूर थे वो. साल 2009 में वांटेड आयी जो सलमान खान की छः सालों में पहली सोलो हिट फिल्म थी. उनकी आखिरी सोलो हिट 2003 में तेरे नाम आयी थी. उसके बाद से ही सलमान खान का दौर वापस शुरू हुआ.
अक्षय कुमार के तरकश में एक और तीर जोड़ा

अक्षय कुमार अपने कैरियर के चरम पर थे तब साल 2012 में प्रभु देवा ने एक और साउथ के रीमेक बनाने की ठानी. इस बार फिर से उन्होंने साल 2006 की ही एक और तेलगु ब्लॉकबस्टर विक्रमाकुडु को चुना. जिसमें रवि तेजा अपनी दमदार परफॉर्मेंस से सबका दिल जीत चुके थे. अक्षय कुमार भी बीस साबित हुए और राउडी राठौड़ इस साल की सबसे ज्यादा कमाई करने वाले फिल्मों में गिनी गई.
साल 2013 में ये दो हिंदी फिल्मों को डायरेक्ट किये पहला रमैया वस्तावैया और आर. . .राजकुमार.

जहाँ रमैया वस्तावैया औसत फिल्मों की कैटेगरी में गिनी गयी, वहीं आर. . .राजकुमार फिर से 2013 की सबसे हिट फिल्मों में गिनी गयी. और यहीं से फिर शाहिद कपूर का कैरियर भी पटरी पर आया जो पिछले काफी समय से फ्लॉप फिल्मों के ढेर पर बैठे थे और एक हिट की अदद हिट की बात जोह रहे थे.
बाद के दिनों में अगले दो सालों में इनकी दो और फ़िलें आयी. क्रमशः एक्शन जैक्शन और सिंह इस ब्लिंग. जहाँ एक्शन जैक्शन फ्लॉप हुआ वहीं सिंह इस ब्लिंग औसत रही.
अभी वह फिर से बॉलीवुड के अपने पहले जोड़ी सलमान खान के साथ दबंग-3 पर काम कर रहे है.
अब जबकि 10 साल के बाद सलमान खान इंडस्ट्री के सबसे बड़े स्टार है तो ऐसे में इस जोड़ी को फिर से परेड पर देखना काफी दिलचस्प होगा.
आज हम सबके चहेते प्रभु देवा 45 साल के हो रहे है. तो उनकी स्वस्थ एवं लम्बी उम्र की कामना करते है. और उनसे यही चाहते है की बस इसी तरह वो हमारी तनावपूर्ण ज़िन्दगी में मनोरंजन पड़ोसते रहे.
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