Karishma Kapoor poses

करिश्मा कपूर: एक पुरे दशक तक बॉलीवुड को गुलज़ार रखने वाली हिरोईन

Karishma Kapoor poses

वक़्त की एक सबसे खास बात यह है कि ये बदलता रहता है. और इसी बदलते हुए क्रम में यह ना जाने कितनी ही यादें दे जाती है. अच्छी-बुरी हर तरह की यादें. वक़्त ही ऐसी चीज है जो सौ प्रतिशत सच है. यह किसी के साथ भेदभाव नही करती. वक्त सबकुछ बदल सकता है लेकिन कुछ खूबसूरत यादों को कभी नहीं बदल सकता. ऐसी ही एक खूबसूरत याद है करिश्मा कपूर. आज करिश्मा अपना हैप्पी वाला बड्डे मना रही है तो इनके बारे में बात नहीं करना गुनाह हो जाएगा.

Karishma Kapoor

25 जून 1974 को मुंबई में जन्मी करिश्मा अपने मुंह में चाँदी के चम्मच लेकर पैदा हुई थी. वो बॉलीवुड की सबसे पहली फ़िल्मी फैमिली "कपूर फैमिली" से ताल्लुक रखती है. रणधीर कपूर इनके पापा और बबिता इनकी मम्मी है. करीना कपूर करिश्मा की छोटी बहन है. इतने बड़े फ़िल्मी परिवार में पैदा होना तो करिश्मा को हिरोईन यूँ ही बना गयी लेकिन करिश्मा को करिश्मा कपूर बनाई उनकी मेहनत, लगन और उनके अभिनय क्षमता ने.

Karishma Kapoor with Akshay Kapoor romancing

साल 1991 में सिल्वर स्क्रीन पर डेब्यू करने वाली करिश्मा ने आते ही इंडस्ट्री पर अपनी पकड़ मज़बूत बना ली. अगर उनके साल दर साल रिलीज हुए फिल्मों की संख्याओं पर गौर करें तो वो किसी को भी हैरत में डाल सकती है. साल 1992 में 6 फ़िल्में, साल 1993 में 5 फ़िल्में, साल 1994 में 10 फ़िल्में, साल 1995 में 3 फ़िल्में, साल 1996 में 10 फ़िल्में, साल 1997 में 5 फ़िल्में, साल 1999 में 5 फ़िल्में, साल 2000 में 5 फ़िल्में और आगे भी यह रफ़्तार ज़ारी रहा. साल 2003 में आयी फिल्म बाज़ के बाद करिश्मा साल 2006 में आयी अक्षय कुमार के साथ फिल्म “मेरे जीवनसाथी” में दिखी थी और फिर फिल्मों से ब्रेक ले ली. हाँलाकि साल 2012 में वो विक्रम भट्ट की पीरियड लव फिल्म “डेंजरस इश्क़” से वापस परदे पर आयी मगर फिल्म सफल नहीं हुई और वो फिर से गायब हो गयी.

Karishma Kapoor scene from a film

अपने कैरियर के चरम पर करिश्मा कपूर ने दिल्ली बेस्ड बिजनेसमैन संजय कपूर से 29 सितम्बर 2003 को शादी कर ली. यह शादी पंजाबी रीती-रिवाजों से मुंबई स्थित उनके बंगले पर ही संपन्न हुई. करिश्मा ने 2005 में एक लड़की को और 2010 में एक लड़के को जन्म दी. आपसी मतभेदों के चलते साल 2014 में यह कपल ने कोर्ट में डिवोर्स फाईल किया. साल 2015 में वापस भी लिया लेकिन साल 2016 में वे दोनों फाइनली अलग हो गए.

Karishma Kapoor with husband Sanjay Kapoor

अपने 15 साल के लम्बे फ़िल्मी कैरियर में करिश्मा ने कितने ही यादगार भूमिकाएं निभाई है. उसमें से अगर कुछ खास किरदार को चुनने के लिए कहा जाए तो मुश्किल होगी. इसीलिए हम आज एक खास सीन की बात करते है. वो सीन जिसे आज से बीस साल पहले वाले दौर में क्रांतिकारी सीन कहा जाएगा. साल 1996 के दिवाली में आयी धर्मेश दर्शन की फिल्म राजा हिंदुस्तानी. फिल्म को बस रिलीज होने भर की देरी थी. इसने एक के बाद एक रिकॉर्ड बना डाले. उस साल की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बनी और साथ ही 90’S की तीसरी सबसे सफल फिल्म. आमिर खान और करिश्मा कपूर इसमें मुख्य भूमिका में थे.

रात का वक़्त, काले बादल, हलकी रोशनी, पेड़ की छाँव, दो जवां दिल, दो मगरूर जवानी और फिर बारिश की फुहार. क्या कुछ नहीं था उस घड़ी में जो वो ना थमती. सबकुछ था, वक़्त को ठहरना पड़ा. वक़्त ठहरा और फिर दो जवां दिल मिले. और जब मिले तो क्या खूब मिले.

इस सीन को यहाँ देखिये:

उस जमाने में यह सीन किसी क्रांति की तरह आयी और लोगों के दिलों में बस गयी. करिश्मा के कैरियर को इस फिल्म ने चार चाँद लगा दिया और वो प्रोड्यूसर-डायरेक्टर की पहली पसंद बन गयी. उसके बाद करिश्मा के फ़िल्मी सफर में क्या कुछ हुआ सब इतिहास है. वक़्त ने करिश्मा कपूर के रूप में भारतीय सीने दर्शकों को जो यादें दी है उसे हम हमेशा संजो के रखना चाहेंगे. जाते-जाते उनके एक और गीत सुनते जाओ. हैप्पी बड्डे लोलो. . .

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