सचिन तेंदुलकर: जब लोगों ने नयी दुनिया को देखा
विश्व क्रिकेट को ऐसे डिफाइन किया जा सकता है - सचिन से पहले और सचिन के बाद. सचिन पर अब तक ना जाने कितना कुछ लिख अजा चुका है और कितना कुछ लिखा जाना बाकि है. चाहे जितना भी लिखा जाए, कभी कम नहीं पड़ने वाला. क्योंकि सचिन रमेश तेंदुलकर सिर्फ एक नाम नहीं, पूरा का पूरा महाकाव्य है. 24 अप्रैल 1973 को मुंबई में जन्में सचिन आज अपना 45 वां जन्मदिन मना रहे है. बहुत लोगों ने बहुत कुछ लिखा. आज हम भी लिखेंगे. अपने उस रोमांचक अनुभव को जो हमनें आठ साल पहले महसूस किया था. ग्वालियर में. जब सचिन एकदिवसीय क्रिकेट में पहली बार २०० का आंकड़ा पार किये थे. फिर दुनिया को लगा की, ओह्ह. . . . ऐसा भी हो सकता है. आइए आपको रोमांचकारी दौरे पर ले चलते है.
24 फ़रवरी 2010. ठंढी ख़तम होने के कगार पर खड़ी थी. मौसम में गर्मी बस चढ़ने ही वाली थी, लेकिन उस दिन देश और दुनिया ने सबसे बड़ी तपिश को महसूस किया था. उस दिन सचिन का बल्ला ही था जो गर्मी चढ़ने से पहले ही आग उगल रहा था. बुधवार को खेले गए इस डेनाईट मैच में भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया. कप्तान धोनी का फैसला सही होता दिख ही रहा था की सहवाग 9 रन बनाकर आऊट हो गए. उसके बाद मैदान पर आये दिनेश कार्तिक. उनहोंने सचिन का बहुत अच्छा साथ निभाया. कार्तिक भी पुरे जोड़ से खेल रहे थे मगल सबका ध्यान तो सचिन पर ही टिका था.
कार्तिक जब 79 रन बनाकर आऊट हुए तब टीम का स्कोर 219 था और टीम बेहतर स्थिति में थी. उसके बाद मैदान में उतरे युसूफ पठान. आतिशबाज़ी का दौर ज़ारी रहा. ना पठान थमने का नाम ले रहे थे और ना ही सचिन. पठान जब 23 गेंदों में 36 रन बनाकर आऊट हुए तब टीम का स्कोर 41 ओवर में 300 पहुँच चुका था. सचिन 150 से ऊपर आ गए थे और अब भी पुरे लय में दिख रहे थे. पठान के आउट होने के बाद धोनी खुद क्रीज पर आये. अपनी आदत के अनुसार आतिशबाज़ी चालू कर दिए. उस दिन क्या हो रहा था किसी को पता नहीं चल रहा था. सब सब आँखें खोले बैठे थे और सचिन अपना विराट रूप ले रहा था.
आखिरी ओवर में सचिन ने वो किया जो अब तक नहीं हुआ था. क्रिकेट प्रेमियों के दिलों के धड़कन रुक गए थे जब सचिन 199 से 200 वाँ रन पूरा किये.
सब लोग एक तीसरी दुनिया में जाके बैठ गए थे. क्रिकेट के भगवान् ने उन्हें मोक्ष प्रदान कर दिया था. पहली बार 200 का व्यक्तिगत स्कोर बन रहा था. लोग ख़ुशी से नाच रहे थे.
सचिन ने अपनी पारी के दौरान 147 गेंदों का सामना किये और 25 चौके के साथ 3 छक्के भी लगाए. सचिन के इस विशाल पारी के आगे धोनी की आतिशबाज़ी दब गयी. उस दिन दूसरे छोड़ से धोनी भी 35 बॉल में 68 रन ठोके थे, 7 चौके और 4 छक्के के साथ.
दक्षिण अफ्रीका जब इसको चेज करने करने उतरी तो पूरी टीम सिर्फ 248 रनों पर ही आल आऊट हो गयी. डिविलियर्स ने एक छोड़ पर डटकर 114 रन ज़रूर बनाये मगर किसी और ने उनका साथ नहीं दिया.
क्रिकेट के भगवान की यह दिव्य इनिंग यहाँ देखिये: