सुनील शेट्टी: वो हीरो जो मार खाते वक़्त मुँह से लार चुआता था.
नब्बे के दशक में पैदा हुए बच्चों का सबसे बड़ा हीरो हुआ करता था मिथुन चक्रवर्ती और अजय देवगन. लेकिन इसी बीच में एक हीरो और था जो धीमा जहर के जैसे लोगों के दिलों में फ़ैल रहा था. जाने-अनजाने ही सही लेकिन लोग उनको इग्नोर नहीं कर सकते थे. उनके बारे में सबकी धारणा यह थी की यह पहले मार खाएगा फिर गुंडा को मारेगा. माने की जब तक लौंडे के मुंह से लार ना चू जाए ये पलट कर वार नहीं करता है. यही अपना हीरो है - सुनील शेट्टी. बोले तो बॉलीवुड का अन्ना.
सुनील शेट्टी 11 अगस्त 1961 को कर्णाटक में पैदा हुए थे. एक्टिंग का कीड़ा काटा तो मुंबई आ गए. मुंबई ने दोनों बाहें फैलाकर इनको अपनाया. अपने 25 सालों के फ़िल्मी सफर में सुनील शेट्टी 100 से भी ज्यादा फिल्मों में काम कर चुके हैं. उनकी ज्यादातर फ़िल्में कॉमर्शियली हिट रही हैं. उनके ढाई दशक लम्बे कैरियर में एक्शन और कॉमेडी का बेजोड़ तालमेल रहा है. आज उनके जन्मदिन पर जानते है उनके कुछ चुनिंदा किरदारों के बारे में.
1. इन्स्पेक्टर विक्रम सिंह - दिलवाले (1994)
वैसे तो इस फिल्म को अजय देवगन की आशिकी के लिए जाना जाता है लेकिन उसी फिल्म में जो एक और मज़बूत किरदार था वो था इन्स्पेक्टर विक्रम सिंह का. वो इंसान अपने प्यार को हमेशा अपने पास देखता है लेकिन ना तो जता पाता है और ना ही बोल पता है. बोले भी तो कैसे, जो उसका प्यार है वो अपने प्यार से टूटकर मोहब्बत करती है. बस यही चीज विक्रम को रोक लेता है और उसे यकीन हो जाता है कि अपने प्यार को उनके मंज़िल तक पहुँचाना भी एक प्यार ही तो है. यही समर्पण उसे उस फिल्म का हीरो बना देता है. अपने प्यार को किसी और को प्यार करता देख कैसा लगता है यह इस गाने में आप देख पाएंगे.
2. विशाल अग्निहोत्री - मोहरा (1994)
एक इंसान अपने परिवार का बदला लेने के लिए किस हद तक जा सकता है यह सुनील शेट्टी के इस फिल्म में देखा जा सकता है. आगे-पीछे और दायें-बायें क्या चल रहा होता है उसे कुछ नहीं पता. उसका मकसद है तो सिर्फ इतना कि जिसने उसके परिवार को मारा है उसे मारना है. ऐसे ही वो गलत लोगों के संपर्क में आता है और वो एक के बाद एक गलती करता जाता है. इस किरदार का मर्म समझने के लिए आप इस वीडियो को 01 घंटा 47 मिनट से 01 घंटा 49 मिनट के बीच देखिए.
3. भैरव सिंह - बॉर्डर (1997)
साल 1997 में आयी जेपी दत्ता कि यह वार फिल्म वैसे तो मल्टीस्टारर थी लेकिन जिस किरदार ने लोगों का ध्यान सबसे ज्यादा आकृष्ट किया वो था भैरव सिंह का, जिसको सुनील शेट्टी ने निभाया था. चाहे वो धरती को माँ कहते हुए बालू के अंदर सोना हो या फिर बम लेकर दुश्मन के टैंक पर चढ़ना. सब सीन में उनका पागलपन साफ़ दिखता है. जो अपने मातृभूमी के लिए किसी को कुछ भी कर सकता है. फिर चाहे वो अपना साथी मथुरा दस ही क्यों ना हो. अब यहाँ तक आ गए हैं तो सन्देश भी लेते जाइए. . .
4. देव - धड़कन (2000)
साल 2000 में आयी इस फिल्म ने उस वक़्त के हिसाब से बॉक्स ऑफिस पर तबाही मचा दी थी. साल की सबसे ज्यादा कमाई करने वाले फिल्मों की लिस्ट में चौथे नंबर पर थी. इसके गाने भी खासा हिट हुए. एक अनुमान के मुताबिक़ इस फिल्म के म्यूजिक अलबम के तकरीबन 45 लाख कॉपी बेचीं गयी थी. जो की एक रिकॉर्ड है. एक ऐसा प्रेमी जो कैसे भी अपने प्यार को पाना चाहता है. उसे परवाह नहीं क्या सही है क्या गलत. उसे पाना है तो बस अपना प्यार कीमत चाहे कोई भी हो. अगर राम ने उसे ये ना कहा होता कि "तुमने प्यार ही तो किया है ना, कोई गुनाह तो नहीं किया" तो ना जाने किस पर क्या कहर बरपा होता. आप के लिए एक सौगात निचे यूट्यूब लिंक पर है.
5. श्याम - हेरा-फेरी (2000)
प्रियदर्शन के निर्देशन में यहाँ से शुरुआत हुई थी दो एक्शन स्टार का कॉमेडी सफर. अक्षय कुमार और सुनील शेट्टी. उसके बाद तो ये जलवा अब तक जारी है. मासूम श्याम बने सुनील शेट्टी उस फिल्म से अपने सारे मिथक तोड़ दिए और एक फ्लेक्सिबल एक्टर के तौर पर खुद को स्थापित किए. आज रिलीज के करीब 20 साल बाद भी आप उस फिल्म को देखेंगे तो पहले जितनी ही हँसी आएगी. एक सीन नीचे छोड़े जा रहे हैं.
6. राघवन - मैं हूँ ना (2004)
फराह खान कि ये एक्शन कॉमेडी फिल्म साल 2004 में रिलीज हुई थी. इस फिल्म में सुनील शेट्टी एक बागी ऑफिसर से मेन विलेन बन जाता है. और जब विलेन बनता है तो उसके क्रूरता से डर लगने लगता है. यही परफेक्शन है सुनील शेट्टी के अभिनय की. जो है वो बेस्ट है. बिना देर किए मैं हूँ ना का राघवन बनने का प्रोसेस देख लीजिए.