बरमूडा ट्राइंगल का रहस्य: कितना सच कितना झूठ. . ??
अटलांटिक महासागर (Atlantic Ocean)। दुनिया के सात महासागरों में से एक। यह मात्र एक महासागर भर नहीं है, बल्कि ये अपने अंदर कई रहस्यों को समेटे हुआ है। इसी में से एक रहस्य है बरमूडा ट्रायंगल। इस ट्राएंगल के पास पहुंचते ही न तो जहाज मिलता है और न ही उसके यात्री। यह रहस्यमयी जगह अमेरिका के दक्षिण पूर्वी तट पर है। तो आज जानेंगे इस वीडियो में आखिर इसमें कितनी सच्चाई है और कितना झूठ। इसके पीछे के छुपे हुए वैज्ञानिक कारण को जानने के लिए इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ें।
कहाँ पड़ता है ये बरमूडा ट्रायंगल – Where Bermuda Triangle is situated?
बरमूडा ट्रायंगल अमेरिका के फ्लोरिडा के मियामी, प्यूर्टोरिको और बरमूडा आईलैंड इन तीन जगहों को जोड़ने वाला एक काल्पनिक ट्रायंगल यानी त्रिकोण है, जहां पहुंचते ही बड़े से बड़ा समुद्री और हवाई जहाज गायब हो जाता है। यहाँ पहली बात तो दुनिया को कोई भी जहाज जाता नहीं है, लेकिन अगर भूले से भी कोई जहाज यहाँ पहुंच जाए, तो पता भी नहीं चलता कि जहाज को आसमान निगल गया या समुद्र। यहाँ तक की दुनिया के किसी भी नक़्शे में बरमूडा ट्रायंगल को सही से नहीं दिखाया जाता है। इसके पीछे वजह यह है कि किसी को भी उस एरिया का सही अंदाजा नहीं है।
कितने दूर में फैला है बरमूडा ट्रायंगल – How many area Bermuda Triangle covers?
लगभग 5 लाख स्क्वायर किलोमीटर में फैले इस जगह के पानी से तो क्या, ऊपर से भी कोई पार नहीं कर सकता। इस एरिया के ऊपर और पानी के अंदर से से पार होने में लगभग 75 प्लेन और सैकड़ों जहाज गायब हो गये। अबतक 1000 से ज्यादा लोग मर चुके हैं इस एरिया में, लेकिन ये नहीं पता चल पाया कि इतना सब कुछ हुआ कैसे?
दुनिया भर के साइंटिस्ट्स ने बरमूडा ट्राएंगल के आसपास के मौसम और वातावरण की काफी बारीकी से स्टडी की। इससे उन्हें ऐसी कई बातें पता चली, जिनके आधार पर वो इसकी मिस्ट्री सुलझाने का दावा कर रहे हैं। साइंटिस्ट्स की रिसर्च के मुताबिक, इस ट्राएंगल के ऊपर खतरनाक हवाएं चलती हैं। इन हवाओं की गति 170 मील प्रति घंटे रहती है। जब कोई जहाज इस हवा की चपेट में आता है, तो अपना संतुलन खो बैठता है। जिसके कारण उनका एक्सीडेंट हो जाता है। ये हवाएं इसके ऊपर बनने वाले बादलों के कारण चलती हैं। इस ट्राएंगल के ऊपर ‘killer clouds’, यानी कि जानलेवा बादल छाए रहते हैं। इन बादलों को जानलेवा इस लिए कहा जाता है क्यूंकि ये काफी घने होते हैं। इनके अंदर कई तूफान भी उठते हैं। जैसे ही इन बादलों के अंदर प्लेन जाता है, बैलेंस खो देता है, जिसकी वजह से ज्यादातर प्लेन्स में विस्फोट हो जाता है।
सेटेलाइट से देखने पर पता चलता है कि इस ट्राएंगल के वेस्टर्न साइड पर छाए बादलों का दायरा 20 से 55 मील तक का होता है। इनसे गुजरना वाकई खतरों भरा काम है। और कुछ प्रचलित थ्योरीज की बात करें तो एक मैग्नेटिक थ्योरी है जो इस बात का क्लेम करती है कि धरती के जिस हिस्से में बरमूडा ट्राएंगल स्थित है, वहां काफी तेज चुम्बकीय शक्ति मौजूद है। इसकी वजह से जो कुछ भी इसके नजदीक जाता है, वो तेजी से समुद्र के अंदर चला जाता है।
कई सारी प्रचलित थ्योरी भी है – There are so many theories that describes the mystery of Bermuda Triangle.
एक एयरबम वाली थ्योरी भी है, इसके अनुसार इस आइलैंड पर कई एयर बम हैं। इनकी वजह से यहां की हवाएं काफी तेज गति से चलती है। इस दौरान जो कुछ भी इनकी चपेट में आता है, उसमें विस्फोट हो जाता है। एलियन की थ्योरी, भूत पिशाच की थ्योरी और फिर आता है समझदार लोगों के मूँह से निकला गुरुत्वाकर्षण की थ्योरी। इसके अनुसार यहां पर धरती का गुरुत्वाकर्षण बहुत ज्यादा है, जो अपने आसपास से गुजरने वाली चीजों को बहुत तेजी से अपनी तरफ खिंच लेता है। एकदम चुंबक की तरह खींच लेता है। लेकिन यह सब एक थ्योरी मात्र है। हॉलीवुड के प्रसिद्ध फिल्ममेकर स्टीवन स्पीलबर्ग ने तो साल 1977 में एक फील बनाकर ही दुनिया को बता डाली। इस फिल्म का नाम था – क्लोज एनकाउंटर्स विथ द थर्ड काईंड (Close Encounter with Third Kind)।
आपको यहाँ पर एक दिलचस्प बात बताते चलें कि बरमूडा ट्रायंगल तो दुनिया के टॉप टेन खतरनाक जगहों में भी नहीं आती है। तो फिर यह इतना हॉन्टेड कैसे हो गया। लोगों ने इस टॉपिक का इस्तेमाल करके खूब पैसे बनाए और जमकर अफवाहों का बाजार गर्म किया। लेकिन फिर भी जो हादसे हुए हैं उसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। 17 सितंबर को साल 1950 में पहली बार यहां से किसी जहाज के गायब हो जाने की खबर आई थी। फिर तो बहुत सारे अखबारों और किताबों में अक्सर इसका जिक्र आने लगा। साल 2014 में क्यूबा के कोस्ट गार्डों ने एक जहाज देखी। उस जहाज पर कोई नहीं था। ये जहाज क्यूबा की राजधानी हवाना की तरफ बढ़ रही थी। विशेषज्ञों ने बताया कि ये SS कोटोपैक्सी नाम की एक स्टीमर जहाज थी। ये जहाज दिसंबर 1925 में बरमूडा ट्रायंगल से ही गायब हुई थी। अचानक से 90 साल बाद ये जहाज न जाने कहां से चली आई। जहाज को अंदर से खोजबीन करने के बाद उसमें से जहाज के कप्तान की लॉगबुक मिली। उसमें उसी कंपनी का ज़िक्र था जिसकी SS कोटोपैक्सी नाम की जहाज थी। हालांकि इसका कुछ विस्तृत रिपोर्ट नहीं आया लेकिन अगर ये पक्के तौर पर वही SS कोटोपैक्सी है तो इस जहाज के साथ बीते 90 साल में क्या हुआ और ये अब तक सुरक्षित कैसे हैं, यह बात शोध का विषय होना चाहिए।
बरमूडा ट्रायंगल को यह नाम सन 1964 में मिला था। बरमूडा ट्राएंगल दुनिया के दूसरे किताबी रहस्यों की तरह नहीं है। बल्कि एक असली रहस्य है जिसको दुनिया भर के वैज्ञानिक मानते हैं। यहां तक कि अमेरिका की मिलिट्री भी अपने जहाज उस इलाके में भेजने से बचते हैं। एक मिथ तो यह भी है कि साल 1492 में क्रिस्टोफर कोलंबस का जहाज बरमूडा ट्रायंगल की तरफ जाता है। कोलंबस बताता है कि उस जगह पहुंचते ही उनको ऐसा लगा मानो कि वह किसी दूसरी दुनिया में ही आ गए हैं। वह अजीब-अजीब सी रोशनी दिखाई दे रही थी और उनके कंपास ने भी काम करना बंद कर दिया था।
लेकिन सच्चाई क्या है – Know the truth about Bermuda Triangle.
अक्टूबर 2016 में वैज्ञानिकों ने इसकी एक थ्योरी दी है जो अब तक का सबसे ज्यादा विश्वसनीय थ्योरी है, इसपर यकीन करने का मन करता है। ब्रिटिश न्यूजपेपर डेली मेल के रिपोर्ट के मुताबिक बरमूडा ट्राएंगल के ऊपर मौसम का प्रभाव कुछ अलग ही रहता है। यहां पर हेक्सागोनल बादल बनते हैं। जैसे कि त्रिकोण में तीन कोण होते हैं तो हेक्सागोनल में छः कोण होंगे। केमिस्ट्री की भाषा में बोले तप बेंजीन रिंग जैसा। इन बादलों में हवा लगभग 270 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से बहती है। इन बादलों से छोटे-छोटे एयर बम टूट के निकलते हैं जो सीधा आ के समुद्र पर टकराते हैं। कभी-कभी कई एयर बम एक साथ आ जाते हैं। तो इनके बीच में जो भी आता है, वह बच नहीं पाता है। भले ही पानी में तैरने वाला बड़ा जहाज हो या आसमान में उड़ने वाला जम्बो जेट। जब इस रफ़्तार से टकराएगी तो आप और हम उसके बचने की क्या ही उम्मीद कर सकते हैं।
वीडियो: कैसे इतनी महँगी होने के बाद भी बुलेट इंडिया की नंबर एक मोटरसाइकिल है
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