फिल्म रिव्यू: एक्वामैन – होम इज कॉलिंग
हॉलीवुड के मार्वल और डीसी में होड़ लगी है कि कौन किससे कितना जल्दी आगे निकल सकता है. हाँलाकि इन सभी में भरपूर फायदा तो दुनियाभर के दर्शकों का ही होता है, भले ही उसे थोड़ी जेब ढीली करनी पड़े लेकिन मजा तो भरपूर आ ही जाता है. इसी मजे के बीच मार्वल वालों ने अवेंजर्स सीरीज की अपनी अगली फिल्म एंडगेम का ट्रेलर रिलीज किया वहीं दूसरी ओर डीसी ने अपनी एक और सुपरहीरो फिल्म एक्वामैन रिलीज कर दी. सुपरहीरो पहले शहरों के बीच, आसमान में और समंदर के ऊपर लड़ते दिखते थे. इस बार वो एक कदम आगे निकलकर समंदर के अंदर पहुँच गया है. यानी की उसे एक्वेटिक प्राणी बना दिया है. इसी से फिल्म का नाम निकलता है – एक्वामैन.
कहानी क्या कहती है फिल्म
अमेरिका के मेन शहर के समंदर में एक तूफान के कारण एक जलपरी घायल अवस्था में किनारे पर बेहोश पड़ी होती है. तभी उनपर एक लाइट हाऊस के रक्षक थॉमस (टेमोरा मॉरिसन) की नज़र उसपर पड़ती है और वो उठाकर उसे अपने घर ले आता है. होश आने पर वह बताती है की वह समंदर के अंदर बसने वाले साम्राज्य अटलांटिस की राजकुमारी अटलाना (निकोल किडमैन) है और वह यहाँ समुद्र में तूफ़ान के कारण बहकर आ गयी है. थॉमस उसका खयाल रखता है और उन दोनों में प्यार हो जाता है. दोनों एक बच्चे को जन्म देते हैं जिसका नाम होता है – आर्थर (जेसन ममोआ). आर्थर के अंदर उसके माता और पिता दोनों के गुण आ जाता है. यानी की वो जमीन पर भी रह सकता है और पानी में भी.
कहानी आगे बढ़ती है और फिल्म अब समंदर के अंदर ही चल रही होती है. अटलाना को उसके राजकुमारी होने के चलते वापस अटलांटिस आना पड़ता है जहाँ उसकी दूसरी शादी करा दी जाती है और उससे भी उसे एक बेटा होता है – ऑर्म (पैट्रिक विल्सन) जो आगे चलकर ओशियन मास्टर बनता है. समंदर में मनुष्य के बढ़ते हुए हस्तक्षेप से ऑर्म परेशान हो चुका है और वह समंदर के अंदर सारी सल्तनत को साथ मिलाकर जमीन पर आक्रमण करना चाहता है. इस आक्रमण में उसके साथ होता है समुद्री लुटेरा डेविड केन (याहया अब्दुल-मतीन II). ओशियन मास्टर के इस प्लान से उसके मंत्री वाल्को (विलियम डैफो) और एक समंदर के ही एक और सल्तनत जेबेल की राजकुमारी मेरा (अम्बर हियर्ड) उससे इत्तेफाक नहीं रखते हैं. उनका मानना है कि अगर ऐसा होता है तो दोनों जगहों का बहुत नुकसान होगा. इसीलिए वो इसकी खबर आर्थर तक पहुँचाती है.
आर्थर को उसका मुंहबोला भाई ऑर्म दुश्मन समझता है उसे मारकर समंदर का अकेला बादशाह बनना चाहता है. आर्थर को वाल्को और मेरा दोनों मिलकर समझाते हैं कि अटलांटिस का पहला वारिस तुम हो और सिर्फ तुम्हें ही अटलांटिस के बादशाह बनने का हक़ है. अब जमीन और समंदर दोनों को बचाना है तो आर्थर को बादशाह बनना ही होगा लेकिन राह इतना आसान नहीं है. आर्थर को ट्राइडेंट चाहिए जो अटलांटिस के पहले महाराज एटलन (ग्रैहम मैकटाविश) का है. जो सदियों से गायब है. उस ट्राइडेंट के बिना कोई भी अटलांटिस का बादशाह नहीं बन सकता. अब आर्थर कैसे सब करता है या कर भी पाता है या नहीं यहीं सब ट्विस्ट कि कहानी है एक्वामैन.
लेखन – निर्देशन – मेकिंग
जेफ़ जोन्स, विल बेल और जेम्स वान के स्टोरी आइडिया को स्क्रीनप्ले का रूप दिया है डेविड मैक्गोल्डरिक और विल बेल ने. फिल्म कि जिस तरह कि कहानी थी उस हिसाब से इसका स्क्रिप्ट थोड़ा ज्यादा लम्बा हो गया. ढाई घंटे की यह फिल्म अगर दो से सवा दो घंटे की होती तो यह फिल्म कसी हुई लगती जो बनी हुई फिल्म से बेहतर होता. मेकिंग के मामले में यह फिल्म एक उच्च्चतम क्वालिटी को टच करता है और देखने में भरपूर मज़ा देता है. पूरी फिल्म सिर्फ विजुअल इफ़ेक्ट पर ही तो टिकी हुई है.
लाल घेरे में निर्देशक जेम्स वान
निर्देशन के मामले में फिल्म पिछड़ नहीं सकती थी क्योंकि इसे डायरेक्ट किया है जेम्स वान ने. जेम्स इससे पहले द कंजूरिंग और इंसिडियस जैसी हॉरर फ़िल्में निर्देशित कर चुके हैं वहीं दूसरी तरफ फ्यूरियस-7 जैसी एक्शन पैक्ड फिल्म भी. मात्र 41 साल के जेम्स ने हॉलीवुड में अपनी एक बिलकुल ही अलग पहचान बना रखी है. फिल्म निर्देशकीय स्तर पर काफी प्रभावी दिखता है.
और अंत में: मार्वल और डीसी के फैन तो इस फिल्म को वैसे भी नहीं छोड़ेंगे, फिर भी एक रोमांचकारी दुनिया की सैर करना चाहते हैं तो यह फिल्म आपके लिए है. खालिस बॉलीवुड वाले दर्शकों के लिए इस फिल्म में कुछ भी नहीं है.
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