एक ही जैसे प्लॉट के बावजूद क्यों आकर्षक लगती है मिशन इम्पॉसिबल?
दुनिया के फ़िल्मी जगत के सबसे ज्यादा सफल फिल्म फ्रेंचाइजियों में से एक है मिशन इम्पॉसिबल. इस फिल्म की पांच क़िस्त पहले ही आ चुकी है और छठी फिल्म "फॉलआऊट" 27 जुलाई को अमेरिका सहित दुनिया भर के सिनेमाघरों में लग रही है. इस सीरीज के अबतक के सभी फिल्मों की कहानी लगभग एक जैसी ही है. आईएमएफ का एजेंट ईथन हंट (टॉम क्रूज) अपने कुछ साथियों के साथ एक मिशन पर निकलता है और फिर उसकी जान पर बन आती है. अमेरिकन गोवर्नमेंट उसे अपना मानने से इंकार कर देती है और फिर अंततः जीत उन्हीं की होती है. जब इतनी सी ही कहानी है तो यह फ्रेंचाइजी इतना स्पेशल क्यों है. साल 1996 में शुरू हुआ यह सफर आज 22 सालों के बाद भी बदस्तूर जारी है और मनोरंजन तथा कमाई के नए रिकॉर्ड बना रही है. तो क्या खास है इस सीरीज में, आइए शुरू से जानते हैं. आपको लेकर चलते है साल 1996 में.
१. मिशन इम्पॉसिबल (1996)
इस फिल्म को बनाने का कॉन्सेप्ट आया इसी नाम से बने एक सफल अमेरिकल टीवी सीरीज से. यह टीवी सीरीज साल 1966 से 1973 तक अमेरिका में चली और काफी सफल भी रही. इस सीरीज के कुल सात सीजन में 171 एपिसोड बने और यह लोकप्रियता के शिखर पर पहुँच गयी. ठीक वैसे ही जैसे 80’S के लास्ट में हिन्दुस्तान में महाभारत एक हाउसहोल्ड नाम बन गया था. यहीं से टॉम क्रूज ने जे.जे. अबराम्स के साथ मिलकर फिल्म को बनाने की सोची. क्योंकि टॉम तक तक एक एक्शन स्टार के रूप में हॉलीवुड में स्थापित हो चुके थे तो लीड कैरेक्टर को ढूंढने के लिए किसी भी तरह की कोई मेहनत नहीं लगी.
इस फिल्म का प्लॉट भी ठीक वैसे ही था जैसा की हमने आपको पहले बताया. एक इम्पॉसिबल मिशन फ़ोर्स IMF) है जिसका गठन अमेरिकन सरकार ने किया है. इस फ़ोर्स का काम ही यही है कि सरकार के खिलाफ चल रहे साजिश को अनऑफिसियली नाकाम करना. जैसे सरकार का काम भी हो जाए और दुनिया के सामने उसकी पोल भी ना खुले. वहीं अगर उस टीम का कोई भी मेंबर मिशन के दौरान पकड़ा या मारा जाएगा तो सरकार उसे अपना मानने से इंकार कर देगी. ब्रायन डी पामा द्वारा निर्देशित यह फिल्म एक्शन और रोमांच से भरी हुई थी. दर्शकों ने उसे खूब प्यार दिया और फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल साबित हुई.
२. मिशन इम्पॉसिबल 2 (2000)
साल 2000 में आयी इस सीरीज कि दूसरी फिल्म को चाइनीज मूल के निर्देशक जॉन वू ने निर्देशित किया था. इस कहानी कि भी प्लॉट वही थी. इसमें ईथन हंट अपने साथियों के साथ मिलकर एक खतरनाक वायरस कैमेरा को नष्ट करता है जो एक लैब में गलती से बन गया था और फिर इथन के ही दोस्त शॉन एम्ब्रोज उसके पीछे पद गया था दुनिया तबाह करके को. फाईनली यह वायरस इथन के हाथ लगता है और उसे नष्ट कर दिया जाता है. इस फिल्म को मुख्य रूप से ऑस्ट्रेलिया में शूट किया गया था.
३. मिशन इम्पॉसिबल 3 (2006)
जे.जे. अबराम्स, इस सीरीज के प्रोड्यूसर जो कि शुरू से ही साथ थे. इस बार वो निर्देशन कि कमान अपने हाथ में लिए. रिपिटेड प्लॉट के साथ इस फिल्म कि कहानी यह थी कि मोस्ट वांटेड इंटरनेशनल आतंकी ओवेन डेवियन (फिलिप हॉफमैन) के हाथ एक रैबिट फुट नमक वास्तु आ जाती है जो कि उसके हाथ में नहीं होनी चाहिए. अमेरिकन सरकार को जैसे ही इस बात कि खबर लगती है वो ईथन को कॉन्टैक्ट करती है और फिर मिशन शुरू होता है. इस फिल्म को चीन के शंघाई शहर में खूबसूरती से फिल्माया गया है.
४. मिशन इम्पॉसिबल : घोस्ट प्रोटोकॉल (2011)
पंद्रह साल और तीन फिल्मों के लम्बे इंतज़ार के बाद इस फिल्म में हिंदुस्तान कि झलक दिखाई दी. सोने पे सुहागा तो तब हो गया जब इसमें अपने अनिल कपूर को कास्ट किया गया. रूस, दुबई से होते हुए यह फिल्म मुंबई पहुँचती है. इस फिल्म में मिशन यह है कि ईथन हंट को अपने टीम के साथ मिलकर एक मिसाइल लॉन्चिंग को रोकना है. वो भी परिस्थिति तब और भी ज्यादा खराब हो जाती है जब रूस में क्रेमलिन विस्फोट के बाद रशियन गोवर्नमेंट भी इथन के पीछे पड़ जाती है. बुर्ज खलीफा पर फिल्माए गए फिल्म के सीक्वेंस काफी प्रभावी है.
५. मिशन इम्पॉसिबल : रोग नेशन (2015)
क्रिस्टोफर मकेरी के निर्देशन में बनी यह फिल्म भी काफी सफल रही. इस फिल्म में मिशन यह होता है कि आईएमएफ एजेंट इथन को यह पता चल चूका है कि एक संगठित माफिया सिंडिकेट एक खतरनाक केमिकल हथियार कि डील कर रही है. इथन जब यह बात CIA को बताता है तो वो लोग इथन का यकीन नहीं करता है. इस बार इथन सीआईए से अलग होकर अपनी टीम के साथ मिशन को अंजाम देता है. इसीलिए फिल्म का नाम ही रोग नेशन रखा गया है. यानी कि दुष्ट राष्ट्र.
क्या स्पेशल बनाती है फिल्म को?
1. फिल्म का इमोशनल टच फिल्म की यूएसपी है. इस फिल्म में इथन के लव इंटरेस्ट को बहुत ही भावुकता से परदे पर उतारा जाता है. खास कर के तीसरी फिल्म में मिशेल मोनागम के साथ उनकी बॉन्डिंग देखते ही बनती है. एक ऐसा इंसान जो भी भरे-पुरे परिवार के बावजूद भी अपने देश के लिए बिना किसी स्वार्थ के मरने को तैयार जो जाता है.
2. फिल्म कि कास्टिंग गजब की रहती है. हाँलाकि टॉम क्रूज के अलावा विंग रेम्स और साइमन पेग ही ज्यादातर रिपीट हुए हैं. लेकिन हर एक नया कास्ट आईएमएफ के एजेंट जैसा ही लगता है और लोग उनसे आसानी से जुड़ भी जाते हैं.
3. नए तरह का और प्रयोगात्मक एक्शन सीक्वेंस फिल्म कि जान होती है. कभी शंघाई का टावर तो कभी बुर्ज खलीफा, हमेशा कुछ नया पड़ोसने कि कोशिश.
4. टॉम क्रूज का वर्ल्ड क्लास पर्सनैलिटी. दुनिया भर में विख्यात कुछ चुनिंदा एक्टर्स में से टॉम क्रूज भी एक हैं. उनके कई फैंस तो उनको इथन हंट के नाम से ही जानते है, जिन्हें टॉम कि फिल्मों का इंतज़ार रहता है.