मिस्र के पिरामिड का इतिहास और रहस्य – History of the Great Pyramid of Giza
बेजोड़ जोड़ा.कॉम अपने वेबसाइट और यूट्यूब चैनल के माध्यम से आपके लिए लगातार नई-नई जानकारियाँ, ऐतिहासिक घटनाक्रम, इंस्पिरेशनल और मोटिवेशनल स्टोरीज, बॉलीवुड और खेल दुनिया की बातें लेकर आती रहती है। ऐसे में हमारी कोशिश होती है की किसी भी प्रकार के स्टोरीज में फैक्टस के साथ कोई छेड़छाड़ ना हो और आप तक सही जानकारी पहुँचे। इसके लिए हमारी टीम बेहतरीन ढंग से रिसर्च करती है।
जब भी दुनिया के अजूबों का जिक्र होता है तो मिस्त्र के पिरामिड का नाम जरूर होता है। यहां के पिरामिड मिस्त्र के सम्राटों के लिए बनाए गए स्मारक स्थल हैं। यह मिस्र के गीजा शहर में बना है, जो वहां के राजवंश में शामिल रहे फराओ खुफु का मकबरा है। 20 साल की उम्र में जब खुफू ने गद्दी संभाली, तब वह स्वर्ग की ओर जाने वाली सीढ़ियां बनाना चाहता था। खुफू पहला फराओ था, जिसने गीजा का पिरामिड बनाया।
करीब 2550 ईसा पूर्व में इस मकबरे और पिरामिड के निर्माण में लगभग 20 साल लगे थे। उस वक्त ग्रेट पिरामिड की ऊंचाई 146.5 मीटर (481 फीट) थी, लेकिन लगातार अपक्षरण के कारण आज उसकी ऊंचाई लगभग 139 मीटर ही रह गई है। इसका आधार (बेस) 55000 वर्ग मीटर का है। एक पिरामिड का एक कोना 20,000 मीटर वर्ग के क्षेत्र में बना हुआ है।
विश्व के सात अजूबों में गीजा का पिरामिड सबसे अधिक पुराना है। तीन पिरामिडों में ग्रेट पिरामिड ही सबसे बड़ा और अब तक का विशालतम है। इसके निर्माण में करीब 23 लाख पत्थर के टुकड़े लगे थे। हर पत्थर का वजन ढाई टन से 15 टन तक था। प्राचीन काल में इस पूरे इलाके को खुफु की सीमा के तौर पर जाना जाता था। जो आज ग्रेटर कायरो के गीजा शहर में है। इन पिरामिड को ऐसी जगहों पर बनाया गया है कि इन्हें इजराइल के पहाड़ों से भी देखा जा सकता है। ऐसा कहा जाता है कि मिस्त्र का ये पिरामिड चांद से भी दिखाई देते हैं।
मिस्र के पिरामिड उस समय के दौरान बनाया गया, जब मिस्र दुनिया के सबसे अमीर और सबसे शक्तिशाली सभ्यताओं में से एक था, यह पिरामिड-विशेषकर गीज़ा के महान पिरामिड-इतिहास में सबसे शानदार मानव निर्मित संरचनाएं हैं। ग्रेट पिरामिड को बनाने में मोर्टार का इस्तेमाल किया गया था, जो आज किसी भी तरह संभव नहीं है। यह 3800 साल तक दुनिया का सबसे ऊँचा मानव निर्मित मोनुमेंट्स था। फिर उसके बाद साल 1072 में लन्दन के लिंकनशायर में लिंकन कैथेड्रल बनाया गया जिसकी ऊंचाई 147 मीटर की थी।
पुराने मिस्त्र के लोगों का मानना था कि उनके राजा भगवान के अवतार होते हैं इसलिए उन्हें सुरक्षित रखा जाना जरूरी है। अंत्योष्टि का तरीका भी अनूठा हुआ करता था। वैसे तो मिस्त्र में कई सारे पिरामिड हैं लेकिन दुनिया के 7 अजूबों में सिर्फ एक ही पिरामिड शामिल है। जिसका नाम है गीजा का महान पिरामिड। आसपास दो अन्य पिरामिड हैं। जिसमें एक में खुफु के पिता और दूसरे में उनके दादा का कब्र है। यह एकमात्र ऐसा पिरामिड है, जिसमें आप नीचे से ऊपर की ओर और वहां से फिर नीचे की ओर आ सकते हैं। इस पिरामिड का दरवाजा कुंडियों वाला है, जिसका वजन 20 टन है। इसकी एक खासियत यह है कि इसे सिर्फ अंदर से ही खोला जा सकता है। बाहर से इस कुण्डी को खिसकाना भी मुश्किल है क्योंकि उसको उसी तरह से फिट किया गया है।
कुछ लोगों का मानना ही कि गीजा के पिरामिड गुलामों द्वारा बनवाए गए थे, जो इजिप्ट में खेती का काम करते थे। लेकिन आधुनिक पुरातत्वविदों की राय कुछ अलग है। वे मानते हैं की ये पिरामिड प्रशिक्षित लोगों ने बनाए थे। खुफू ने अपने भतीजे हेमिनू को इसे बनाने का जिम्मा दिया था। खुफू का शासन खत्म होने के बाद जो नए साम्राज्य का स्थापना हुआ उन्होंने इन पिरामिडों में काफी लूटपाट मचायी और तीनों पिरामिडों को लूटा गया। इसमें कीमती पत्थर जैसे कई ऐसे सामान थे जो बेशकीमती था।
यदि आप यहां जाते हैं तो पिरामिड में प्रवेश के लिए छोटी सी गुफा से होकर गुजरना होता है, उसे लुटेरों की गुफा भी कहते हैं। पिरामिड के अंदर का तापमान हर मौसम में एक सा रहता है। यह हमेशा 20 डिग्री सेल्सियस रहता है। इसमें तीन बरियल चैंबर्स हैं। सबसे अंडरग्राउंड चैंबर महारानी का है, उसके ऊपर का रानियों और तीसरा व सबसे ऊपर का चैंबर किंग खुफु का कहलाता है। किंग के चैंबर के आसपास लगे ग्रेनाइट के ब्लॉक्स तक चोर उठा ले गए थे। और उनका फिर कहीं पता भी नहीं चला। आज भी इजिप्ट या मिस्र अपने कल्चर और ऐतिहासिक इमारतों के लिए दुनिया भर में विख्यात है। पूरी दुनिया से टूरिस्ट आज भी बड़ी संख्या में वहाँ घूमने जाते हैं।
वीडियो: क्यों आनंद महिंद्रा भारत के सबसे कूल बिजनेसमैन हैं?
वीडियो: हिरोशिमा और नागासाकी से भी बड़े विस्फोट के बारे में दुनिया को पता क्यों नहीं है?
लेटेस्ट अपडेट के लिए फेसबुक को लाइक आउट ट्विटर को फॉलो करें। वीडियो अपडेट्स के लिए यूट्यूब चैनल को भी सब्स्क्राइब करें।