वैलेंटाइन वीक: रोज डे की शायरी
ए-हसीन मेरा गुलाब कबूल कर,
हम तुमसे बेइन्तहा इश्क़ करते हैं,
अब नहीं इस ज़माने की परवाह हमको,
हम अपने इश्क़ का इज़हार करते हैं,
तुम नादानी समझो या शैतानी हमारी,
हम हर घडी तेरा इंतजार करते हैं.
टूटा हुआ फूल खुशबू दे जाता हैं
बिता हुआ पल यादें दे जाता हैं
हर शख्स का अपना अंदाज़ होता हैं
कोई ज़िन्दगी में प्यार तोह..
कोई प्यार में ज़िदंगी दे जाता हैं.
हर फूल आपको नए अरमान दे,
हर सुबह आपको एक सलाम दे,
हमारी ये दुआ हैं तहे-दिल से,
अगर आपका एक आंसू भी निकले,
तो खुदा आपको उससे दुगनी खुशी दे.
फूल खिलते रहे आपकी ज़िन्दगी की राहो में,
हंसी चमकती रहे आपकी निगाहों में
कदम कदम पर मिले खुशियाँ आपको,
दिल देता हैं यही दुआ बार बार आपको.
मेरा हर ख्वाब आज हकीकत बन जाये,
जो हो बस तुम्हारे साथ ऐसी जिन्दगी बन जाये,
हम लाये लाखो में एक गुलाब तुम्हारे लिए,
और ये गुलाब मोहब्बत की शुरुआत बन जाये.
तेरी आहट से ही मेरे चेहरे पर मुस्कान आ जाती हैं,
तेरे होने का अहसास मेरी साँसे बयाँ कर जाती हैं,
ये सुन्दर गुलाब तेरी ही यादों का हिस्सा हैं
जिन्हें देख फिर से वो खुशियाँ जवां हो जाती हैं.
रोज डे पर शायरों की शायरी
किसी ने मुझ से कह दिया था ज़िंदगी पे ग़ौर कर
मैं शाख़ पर खिला हुआ गुलाब देखता रहा
– अफ़ज़ाल फ़िरदौस
निकल गुलाब की मुट्ठी से और ख़ुशबू बन
मैं भागता हूँ तिरे पीछे और तू जुगनू बन
– जावेद अनवर
भरी बहार में इक शाख़ पर खिला है गुलाब
कि जैसे तू ने हथेली पे गाल रक्खा है
– अहमद फ़राज़
वाह क्या इस गुल-बदन का शोख़ है रंग-ए-बदन
जामा-ए-आबी अगर पहना गुलाबी हो गया
– मुज़फ़्फ़र अली असीर
अज़ाब होती हैं अक्सर शबाब की घड़ियां
गुलाब अपनी ही ख़ुश्बू से डरने लगते है
– बद्र वास्ती
है लुत्फ़ हसीनों की दो-रंगी का ‘अमानत’
दो चार गुलाबी हों तो दो चार बसंत
– अमानत लखनवी
गुलाब टहनी से टूटा ज़मीन पर न गिरा
करिश्मे तेज़ हवा के समझ से बाहर हैं
– शहरयार
रंगत उस रुख़ की गुल ने पाई है
और पसीने की बू गुलाब में है
– सख़ी लख़नवी
रोज डे रोमांटिक शायरी फॉर गर्लफ्रेंड – बॉयफ्रेंड – Rose Day Shayari For Girlfriend and Boyfriend in Hindi
सारी दुनियाँ में ऐसा गुलाब ना मिला,
जो हम आपके लिए ला सके…
कितनी है मोहब्बत हमको आपसे,
जो बता आपको सके…
जिसकी महक उतर के साँसों में आपकी,
चाहत हमारी आपको जता सके…
खिलता रहे ये चेहरा उस महकते गुलाब की तरह
नाम और शख्सियत रोशन रहे खूबसूरत चांद की तरह
गम हो तो भी मुस्कराते रहें कांटों के बीच फूलों की तरह
हमारा क्या ठिकाना, कल न रहें दुनिया में आज की तरह.
फूल खिलते रहें इस खूबसूरत जिंदगी की राह में
मुस्कराहट दमकती रहे आपकी निगाह में
दुआ ये कि हर कदम पर मिलें खुशियों की बहार आपको
दिल देता है यही दुआ हर पल और बार-बार आपको.
चेहरा आपका खिला रहे गुलाब की तरह
नाम आपका रोशन रहे आफताब की तरह
ग़म में भी आप हँसते रहे फूलों की तरह
अगर हम इस दुनिया में न रहें आज की तरह.
गुलाब खिलते रहे ज़िंदगी की राह् में
हँसी चमकती रहे आप कि निगाह में
खुशी कि लहर मिलें हर कदम पर आपको
देता हे ये दिल दुआ बार–बार आपको.
गुलाब से पूछो कि, दर्द क्या होता है
देता है पैगाम मोहब्बत का, और खुद कांटो में रहता है.
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