वैलेंटाइन वीक: वैलेंटाइन डे की शायरी
अब तो शाम-ओ-सहर मुझे रहता हैं बस खयाल तेरा
कुछ इस कदर दुआओ सा मिला हैं मुझे साथ तेरा,
की अब कोई शिकवा और शिकायत नही उस खुदा से
बस एक तुम्हे पाकर खुशियो से भर गया ये दामन मेरा.
आपके आने से ज़िन्दगी कितनी खूबसूरत है
दिल में बसी है जो वो आपकी ही सूरत है,
दूर जाना नही हम से कभी भूलकर भी
हमे हर कदम पर सिर्फ आपकी ज़रूरत है.
तुम्हारे साथ रहते रहते
तुम्हारी चाहत सी हो गयी हैं,
तुमसे बात करते करते
तुम्हारी आदत सी हो गयी हैं,
एक पल न मिले तो बेचैनी सी लगती हैं
दोस्ती निभाते निभाते
तुमसे मोहब्बत सी हो गयी हैं.
वैलेंटाईन डे शायरी बॉयफ्रेंड-गर्लफ्रेंड के लिए – Valentine’s Day Shayari For Girlfriend Boyfriend in Hindi
सवाल कुछ भी हो, जवाब तुम ही हो
रास्ता कोई भी हो, मंज़िल तुम ही हो
दुःख कितना ही हो, ख़ुशी तुम ही हो
अरमान कितने भी हो, आरज़ू तुम ही हो
गुस्सा कितना भी हो, प्यार तुम ही हो,
ख्वाब कोई भी हो, उस में तुम ही हो
क्योंकि तुम ही हो…!! अब तुम ही हो,
मेरी आशिक़ी अब तुम ही हो….!!!!!
कुछ सोचु तो तेरा ही ख्याल आता हैं
कुछ बोलू तो तेरा नाम आता हैं,
कब तक मैं छुपाऊँ अपने दिल की बात
तेरी हर एक अदा पे हमे प्यार आता हैं.
तेरे हाथ की मैं वो लकीर बन जाऊं,
सिर्फ मैं ही तेरा मुक़दर तेरी तक़दीर बन जाऊं,
मैं तुझे इतना चाहू की तू भूल जाए हर रिश्ता
सिर्फ मैं ही तेरे हर रिश्ते की तस्वीर बन जाऊं,
तू आंखें बंद करे तो आऊं मैं ही नज़र,
इस तरह मैं तेरे हर खवाब की ताबीर बन जाऊं.
कुछ रोशन हैं ज़िन्दगी तेरे आने से
कुछ बहकी सी हैं फ़िज़ा तेरे आने से,
तू मुक्कद्दर हैं मेरे प्यार का
झूम उठा हैं मेरा दिल तेरे आने से,
अब आये हो तो कभी लौट कर मत जाना
टूट कर भीकर जाउंगी तेरे चले जाने से.
तेरे होठों पे हो बस मुस्कान,
ऐसा में कुछ आज करूँ,
ना होने दू कभी मोहब्बत कम
इतना जी भर कर तुझे प्यार करूँ.
एक आस, एक एहसास, मेरी सोच और बस तुम,
एक सवाल, एक मजाल, तुम्हारा ख़याल और बस तुम,
एक बात, एक शाम, तुम्हारा साथ और बस तुम,
एक दुआ, एक फ़रियाद, तुम्हारी याद और बस तुम,
मेरा जूनून, मेरा सुकून बस तुम और बस तुम.
कब उनकी पलकों से इज़हार होगा
दिल के किसी कोने में हमारे लिए प्यार होगा,
गुज़र रही है हर रात उनकी याद में
कभी तो उनको भी हमारा इंतज़ार होगा.
दिल की खिड़की से बाहर देखो ना कभी
बारिश की बूँदों सा है एहसास मेरा,
घनी जुल्फों की गिरह खोलो ना कभी
बहती हवाओं सा है एहसास मेरा,
छूकर देखो कभी तो मालूम होगा तुम्हें
सर्दियों की धूप सा है एहसास मेरा.
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मोहब्बत के भी कुछ अंदाज़ होते है
जागती आँखों में भी कुछ ख्वाब होते है
ज़रूरी नही है कि गम में ही आँसू निकले
मुस्कुराती आँखों में भी सैलाब होते हैं
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