कल के मैच में वो होने से बच गया, जो श्रीलंका भुगत चूका है
एशिया कप 2018 का झामफाड़ मुकाबला शुरू हो चूका है और सभी टीमें अब तक बीस साबित हुई है. बांग्लादेश की मान भी ले तो अफगानिस्तान की जीत इतनी आसानी से गले नहीं उतरती. इस बार भारत - पाकिस्तान के राजनैतिक कारणों को देखते हुए एशिया कप के सभी मुकाबले को दुबई शिफ्ट कर दिया गया है. सभी मैच दुबई के इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम और अबू धाबी के शेख ज़ायेद स्टेडियम में होने है.
टूर्नामेंट के पहले मुकाबले में जिस तरह से बांग्लादेश ने श्रीलंका को हराया उससे तो लगा ही नहीं कि श्रीलंका एक वर्ल्ड क्लास टीम है, लेकिन वहीं दूसरी तरफ हम इस बात को भी नकार नहीं सकते की पिछले 4-5 सालों में बांग्लादेश ने अपने क्रिकेट में कितना सुधार किया है. बांग्लादेश को अब हल्के में लेना किसी भी बड़ी टीम के लिए खतरा हो सकता है और ये खतरा श्रीलंका वालों ने पहले महसूस नहीं किया. नतीजा ये रहा की उसे मैच से हाथ धोना पड़ गया. बांग्लादेश ने इस एकतरफा मुकाबले को 137 रनों से जीता था जो छोटी बात नहीं है.
कहते हैं की अपने के बजाय अगर दूसरे की गलती से सीखोगे तो समय भी बचेगा और समझदार भी कहलाओगे. दूसरे मैच में पाकिस्तान ने मौके की नज़ाकत को समझा और हांगकांग की टीम को किसी भी तरह का मौका नहीं दिया. हांगकांग की पारी को सिर्फ 116 रन पर समेटने के बाद पाकिस्तान ने इस लक्ष्य को मात्र दो विकेट खोकर 24वें ओवर में ही हासिल कर लिया और यह जाता दिया की वो किसी भी तरह की गलती करने को तैयार नहीं है.
सीरीज का तीसरा मैच और यहाँ एक बार फिर श्रीलंका का मुकाबला कमज़ोर टीम अफगानिस्तान से. बस यही कमज़ोर शब्द श्रीलंका की लंका लगा दी. पहली मैच से मिले सबक को नज़रअंदाज़ करते हुए श्रीलंका की टीम ने लापरवाही की और उसे इस मुकाबले से भी हाथ धोना पड़ा. पुरे मैच के दौरान अफगानी खिलाडियों की एनर्जी और फिल्ड पर उनका विश्वास देखते ही बनता था. पहले बैटिंग करते हुए अफगानिस्तान ने पुरे ओवर खेले और 249 रनों का सम्मानजनक स्कोर बनाया. जवाब में लंकन टीम को 158 रनों पर लुढ़का कर ये बता दिया कि उन्हें हल्के में लेना भारी पड़ सकता है. अफगानिस्तान ने इस मुकाबले को 91 रनों के बड़े अंतर से जीता.
अब यहाँ से शुरू होता है भारतीय टीम का अभियान. सीरीज का चौथा मैच और दुबई का इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम.सामने कमजोर दिख रही टीम हांगकांग. जिस तरह से हांगकांग ने पाकिस्तान के खिलाफ खेला था, ठीक उसके उलट यहाँ भारत के खिलाफ खेला. हांगकांग ने पहले टॉस जीता और भारत को बैटिंग के लिए आमंत्रित किया. भारतीय बल्लेबाजों को लगा कि हाथ खोलने का टाइम आ गया है. रोहित और धवन ने तो इसकी शुरुआत भी कर दी थी लेकिन रोहित के जल्दी आऊट होने के बाद शिखर और रायुडू ने टीम को संभाला और फाइनल स्कोर 285 पर लाकर टांग दिया. शिखर ने शानदार शतकीय पारी खेली और 127 रन बनाये. जवाब में हांगकांग ने इस तरह से खेल दिखाया जैसे एक पल के लिए तो लगा की मैच हाथ से निकल ही गया. कप्तान अंशुमान रथ और निज़ाकत खान के ओपनिंग स्टैंड ने 174 रन जोड़े और भारत से मुकाबला बराबरी पर लाकर खड़ा कर दिया.
फिर स्पिनरों ने अपना जलवा दिखाया और धीरे - धीरे विकेट चटकाने शुरू किये. डेब्यूटांट खलील अहमद और चहल ने तीन-तीन विकेट बांटे और बाकि के दो विकेट कुलदीप के खाते में गया. इस तरह भारत ने इस मैच को 26 रनों से जीत तो लिया लेकिन इस जीत कतई कोई भी संतुष्ट नहीं होंगे. श्रीलंका जो गलती अपने पिछले दो मैचों में कर चुकी है भारत भी वही गलती करते - करते बच गया. अब बात जहाँ तक संतुष्टि की है तो अगला मुकाबला चिर-प्रतिद्वंदी पाकिस्तान से है. यहाँ से मिली एक रन या फिट एक विकेट से जीत भी संतुष्टि के लिए काफी है.
ऑल द बेस्ट टीम इंडिया. . .!!!