थॉमस एल्वा एडिसन, अमेरिकी अविष्कारक और बिजनेसमैन, को कौन नहीं जानता? रातों को भी दिन की तरह रोशनी से जगमगाने के लिए दुनिया को लाइट बल्ब देने का श्रेय इन्ही के नाम है. इतना ही नहीं 1093 आविष्कार तो उनके नाम से पेटेंट है। वैसे उन्होंने करीब 3 हजार आविष्कार किए. एडिसन को अमेरिका का सर्वश्रेष्ठ अविष्कारक माना जाता है. इनका जन्म 11 फरवरी, 1847 को USA के ओहायो राज्य के मिलान में हुआ था. इनके पिता का नाम सैमुअल ऑग्डेन एडिसन और माता का नाम नैंसी मैथ्यु इलियट था। वे अपने माता-पिता की सातवीं और आखिरी संतान थे.
इनके अविष्कार और काम करने की शैली आधुनिक युग के निर्माण में बहुत बड़ी भूमिका निभाई. इन्होने “इलेक्ट्रिक पावर जनरेशन”, “मास कम्युनिकेशन”, “साउंड रिकॉर्डिंग”, “मोशन पिक्चर्स” जैसे फ़ील्ड्स में बहुत तरह के उपकरणों को बनाया. “फोनोग्राफ”, “मोशन पिक्चर कैमरा”, और “देर तक चलनेवाली लाइट बल्ब” जैसे अविष्कार आधुनिक औद्योगिक युग पर व्यापक प्रभाव डाला. इलेक्ट्रिक बल्ब की वजह से इन्हें पूरी दुनिया में पहचान मिली। हालांकि, इनका पहला आविष्कार इलेक्ट्रिक वोट रिकॉर्डर मशीन थी, जिसका पेटेंट उन्हें 1 जून 1869 में प्रदान किया गया. वह ऐसे प्रथम आविष्कारकों में से एक थे जिन्होंने अविष्कार के “आर्गनाइज्ड साइंस एंड टीमवर्क” के सिद्धांत यानि कि संगठित होकर अकेले के बजाय टीम के साथ काम करने को अप्लाई किया और बहुत सारे रिसर्चर और एम्पलॉई के साथ काम किया. उन्होंने संसार का पहला इंडस्ट्रियल रिसर्च लेबोरेटरी को स्थापित किया.
सब्जी बेचने से टेलिग्राफ ऑपरेटर का सफर
थॉमस एडिसन के जन्म के कुछ समय बाद ही उनका परिवार पोर्ट हुरोन, मिशिगन शिफ्ट हो गया। वहीं उनके बचपन का ज्यादातर समय बीता। स्कूल में एडिसन का नाम लिखाया गया लेकिन पढ़ने में वह ठीक नहीं थे। इसके बाद उनका नाम कटवा दिया गया। मां ने घर पर ही पढ़ाई की व्यवस्था की। कुछ समय बाद युवा एडिसन ट्रेनों पर सब्जियां, कैंडी और न्यूज पेपर बेचने लगे। एक दिन उन्होंने एक बच्चे को ट्रेन के नीचे आकर कुचलने से बचाया। बच्चे के पिता ने एडिसन को टेलिग्राफ ऑपरेटर की ट्रेनिंग दी और जॉब लगवाई। यहां उन्होंने नाइट शिफ्ट की मांग की ताकि रात में आविष्कारों पर काम कर सकें। यहीं से उनके और आविष्कार का रास्ता खुला।
संसार का प्रथम औद्योगिक प्रयोगशाला
मेनलो पार्क, न्यू जर्सी में थॉमस अल्वा एडिसन ने अपना रिसर्च लैब बनाया था। यह पहला संस्थान था जो सिर्फ आविष्कार को समर्पित था। वहां एडिसन आविष्कार करते और फिर उसका व्यावहारिक इस्तेमाल करते। फिर उसका बड़े पैमाने पर निर्माण होता था। मेनलो पार्क में बड़ी संख्या में एडिसन के कर्मचारी काम करते थे। ये आम कर्मचारी नहीं थे बल्कि आविष्कारकों की टीम थी जो एडिसन को आविष्कारों का आइडिया देते थे।
फेमस इन्वेंशंस
उनके तीन काफी प्रसिद्ध आविष्कार हैं…फोनोग्राफ: एडिसन का यह पहला सबसे बड़ा आविष्कार था। इससे वह काफी प्रसिद्ध हुए। यह पहली मशीन थी जिसमें आवाज को रिकॉर्ड और प्लेबैक किया जा सकता था। लाइट बल्ब: उन्होंने इलेक्ट्रिक लाइट बल्ब बनाए जिसका घरों में इस्तेमाल होता है। उन्होंने लाइट बल्ब के लिए सहायक अन्य चीजें जैसे सेफ्टी फ्यूज और ऑन/ऑफ स्विच बनाए। मोशन पिक्चर: उन्होंने मोशन पिक्चर बनाने पर काफी काम किया।
टीचर सोचते थे मंदबुद्धि है एडिसन
एडिसन खोजी दिमाग के छात्र थे। हर चीज के बारे में जानने की उनके अंदर इच्छा होती थी। लेकिन उनका दिमाग भटकता रहता था. जिससे पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते थे। उनके शिक्षक सोचते थे कि एडिसन मंदबुद्धि है। इस बारे में एडिसन की ममी को भी पता चल गया। उन्होंने तीन महीने बाद ही बेटे का स्कूल से नाम कटवा दिया। उन्होंने घर पर ही एडिसन की शिक्षा की व्यवस्था की।
10 साल में बनाया अपना पहला लैब
उस समय एडिसन की उम्र महज 9 साल थी। उनकी मां ने विज्ञान की शुरुआती किताब दी। किताब में बताया गया था कि घर पर रसायनिक प्रयोग कैसे करें। एडिसन ने इसमें काफी दिलचस्पी ली। उन्होंने किताब के सारे प्रयोग कर डाले और केमिकल खरीदने पर अपने पास के सारे पैसे खर्च कर डाले। 10 साल की उम्र में एडिसन ने अपना पहला साइंस लैब खोला। यह लैब उनके घर की बेसमेंट में था। लैब में एडिसन इतने व्यस्त रहते थे कि उनके पिता बेसमेंट से निकलने के लिए उनको पैसे का लालच दिया करते थे। एडिसन उस पैसे का इस्तेमाल प्रयोग के लिए और केमिकल्स खरीदने में करते। कोई उनके केमिकल्स को ले न जाए, इसलिए उन्होंने सभी बोतल पर ‘जहर’ का एक लेबल चिपका दिया था।
पहला आविष्कार जिसका पेटेंट कराया
साल 1869 की बात है। उस समय एडिसन की उम्र सिर्फ 22 साल थी। उन्होंने पहला पेटेंट कराया एक ऐसी मशीन का जिसकी मदद से वोट रेकॉर्ड किया जा सकता था। दरअसल उस समय अमेरिकी संसद में ध्वनिमत को गिनने के लिए कोई उपयुक्त व्यवस्था नहीं थी। एडिसन ने एक ऐसी मशीन बनाने की सोची जिसकी मदद से वोटों की गिनती आसानी से हो। हर विधायक या सांसद को किसी विधेयक पर मतदान के समय एडिसन की मशीन का स्विच ऑन करना होता था। ऐसा करते ही वोट रेकॉर्ड हो जाता था जिसकी बाद में मशीन से गिनती हो जाती।
रहस्यमय टैटू
एडिसन ने न्यू यॉर्क की म्यूचुअल लाइफ इंश्योरेंस कंपनी से 1911 में एक पॉलिसी ली थी। पॉलिसी में दी गई जानकारी के मुताबिक, एडिसन की बायीं भुजा पर पांच डॉट वाला टैटू था। किसी को भी उसका मतलब पता नहीं है। वैसे इस बात का शक है कि यह टैटू एडिसन ने खुद प्रयोग के तौर पर बनाए हों। दरअसल टैटू के लिए उन्होंने एक स्टेनसिल पेंस नाम की डिवाइस बनाई थी। उस मशीन पर सैमुएल ओरेली ने काम किया और उसे दुनिया की पहली टैटू मशीन बनाई। लेकिन इस बात का साक्ष्य नहीं मिला कि एडिसन ने मशीन का खुद प्रयोग कर टैटू बनाया हो। बहरहाल, अभी तक यह रहस्य ही है कि एडिसन की बांह पर टैटू क्यों थे?
एडिसन का वह आविष्कार जिनसे एक जान ली
1895 में विल्हल्म कानरैड रोंटजेन ने एक्स-रे की खोज की। एक्स-रे की इमेज को डिवेलप किए बगैर एक डिवाइस की मदद से देखा जा सकता था। उसका नाम था फ्लोरोस्कोप। फ्लोरोस्कोप में एक फ्लोरीसेंट स्क्रीन लगी होती थी। ए़डिसन ने अपने एक कर्मचारी, क्लैरेंस डैली को फ्लोरोस्कोप बनाने को कहा। एडिसन का यह आविष्कार काफी सफल रहा। आधुनिक समय में अस्पतालों में जिस फ्लोरोस्कोपी का इस्तेमाल किया जाता है, वह इससे ही प्रेरित है। उस समय एक्स-रे को खतरनाक नहीं माना जाता था। क्लैरेंस की आदत थी कि वह एक्स-रे ट्यूब को अपने हाथ पर रखकर उसका परीक्षण करते। साल 1900 में इस वजह से उसकी कलाई पर जख्म हो गया। जख्म इतना खतरनाक हो गया कि अंत में उसका हाथ काटना पड़ा। कुछ समय बाद उसकी दोनों बांहों को भी काटना पड़ा। इसके बाद भी हालत बिगड़ती रही और अंत में कैंसर से उसकी मौत हो गई। इस घटना से भयभीत होकर एडिसन ने फ्लोरोस्कोप पर काम करना बंद कर दिया। 1903 में न्यू यॉर्क वर्ल्ड को एक इंटरव्यू में एडिसन ने बताया था, मुझे उससे डर लगता है। जब मैं अपनी आंखों की रोशनी खोने के करीब था और मेरे सहायक डैली के हाथ काटने पड़े, तब से मैंने फ्लोरोस्कोप पर प्रयोग करना बंद कर दिया।
एडीसन का प्रसिद्ध कथन है, “जीनियस व्यक्ति 1 प्रतिशत प्रेरणा और 99 प्रतिशत मेहनत से बनता है।”