पद्मा और लिली – सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ की कहानी

पद्मा के चन्द्र-मुख पर षोडश कला की शुभ्र चंद्रिका अम्लान खिल रही है। एकांत कुंज की कली-सी प्रणय के वासंती मलयस्पर्श से हिल उठती,विकास के लिए व्याकुल हो रही है। पूरा पढ़ें...

पद्मा और लिली – सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ की कहानी