महावीर और गाड़ीवान – सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की कहानी

एक गाड़ीवान अपनी भरी गाड़ी लिए जा रहा था। गली में कीचड़ था। गाड़ी के पहिए एक खंदक में धँस गए। बैल पूरी ताकत लगाकर भी पहियों को निकाल न सके। पूरा पढ़ें...

महावीर और गाड़ीवान – सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की कहानी