दो घड़े – सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की कहानी

एक घड़ा मिट्टी का बना था, दूसरा पीतल का। दोनों नदी के किनारे रखे थे। इसी समय नदी में बाढ़ आ गई, बहाव में दोनों घड़े बहते चले। बहुत समय मिट्टी के घड़े ने अपने को पीतलवाले से काफी फासले पर रखना चाहा। पूरा पढ़ें...

दो घड़े – सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की कहानी