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ख़ुदी – प्रेमचंद की कहानी
मुन्नी जिस वक्त दिलदारनगर में आयी, उसकी उम्र पांच साल से ज्यादा न थी। वह बिलकुल अकेली न थी, माँ-बाप दोनों न मालूम मर गये या कहीं परदेस चले गये थे। पूरा पढ़ें...
कहानी – मनुष्य का जीवन आधार क्या है
माधो नामी एक चमार जिसके न घर था, न धरती, अपनी स्त्री और बच्चों सहित एक झोंपड़े में रहकर मेहनत मजदूरी द्वारा पेट पालता था। मजूरी कम थी, अन्न महंगा था। पूरा पढ़ें...
कहानी – दो गज जमीन
यह कहानी पढ़ लेंगे तो आप अनावश्यक रूप से खुद को परेशान करना बंद कर देंगे. पूरा पढ़ें...
कहानी – तीन प्रश्नों के उत्तर
महात्मा की कुटिया तक पहुँचने पर राजा ने देखा कि वे अपनी कुटिया के सामने बने छोटे से बगीचे में फावड़े से खुदाई कर रहे थे। पूरा पढ़ें...
कहानी – व्यापारी का पतन और उदय (Fall And Rise Of The Merchant)
राजघराने का एक सेवक, जो महल में झाड़ू लगाता था, वह भी इस भोज में शामिल हुआ, मगर गलती से वह एक ऐसी कुर्सी पर बैठ गया जो राज परिवार के लिए नियत थी। पूरा पढ़ें...
फिल्म रिव्यू: बाज़ार
अगर आप थ्रिलर फिल्मों को देखने के शौक़ीन हैं तो इस हफ्ते आपको एक नई किस्म की थ्रिलर देखने को मिलेगी. ये कोई मर्डर मिस्ट्री टाइप की थ्रिलर नहीं है. बॉलीवुड में शायद पहली बार एक फाइनेंसियल थ्रिलर फिल्म बानी है - बाज़ार. पूरा पढ़ें...
फिल्म रिव्यू: अंधाधुन
अंधाधुन - बहुत दिनों बाद ऐसी फिल्म आयी है जिसका रिव्यू लिखने में मज़ा आने वाला है. या फिर यों कहें कि लोगों को देखने में ज्यादा मज़ा आनेवाला है. पूरा पढ़ें...
कल के मैच में वो होने से बच गया, जो श्रीलंका भुगत चूका है
एशिया कप 2018 का झामफाड़ मुकाबला शुरू हो चूका है और सभी टीमें अब तक बीस साबित हुई है. बांग्लादेश की मान भी ले तो अफगानिस्तान की जीत इतनी आसानी से गले नहीं उतरती. पूरा पढ़ें...
कहानी – बड़े घर की बेटी
जिस तरह सूखी लकड़ी जल्दी से जल उठती है-उसी तरह क्षुधा से बावला मनुष्य जरा-जरा सी बात पर तिनक जाता है। लालबिहारी को भावज की यह ढिठाई बहुत बुरी मालूम हुई, तिनक कर बोला-मैके में तो चाहे घी की नदी बहती हो पूरा पढ़ें...