कहानी – ध्रुवनिवासी रीछ का शिकार

एक मास पीछे हम फिर उस रीछ को मारने के लिए गये, मैं फिर भी उसे न मार सका उसे दुगार ने मारा, वह बड़ा भारी रीछ था। उसकी खाल अब तक मेरे कमरे में बिछी हुई है। पूरा पढ़ें...

कहानी – ध्रुवनिवासी रीछ का शिकार