फिल्म रिव्यू: गली बॉय

मुंबई की असली आत्मा और यहाँ के लोगों की प्रकृति कैसी है इसके लिए गली बॉय देखना जरूरी सा लगता है। पूरा पढ़ें...

फिल्म रिव्यू: गली बॉय

फिल्म रिव्यू: एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा

माफ कीजिए, मगल फिल्म मनोरंजन कम करती है और सुलाती ज्यादा है. पूरा पढ़ें...

फिल्म रिव्यू: एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा

फिल्म रिव्यू: एक्वामैन – होम इज कॉलिंग

अमेरिका के मेन शहर के समंदर में एक तूफान के कारण एक जलपरी घायल अवस्था में किनारे पर बेहोश पड़ी होती है. तभी उनपर एक लाइट हाऊस के रक्षक थॉमस (टेमोरा मॉरिसन) की नज़र उसपर पड़ती है पूरा पढ़ें...

फिल्म रिव्यू: एक्वामैन – होम इज कॉलिंग

फिल्म रिव्यू: साहब बीवी और गैंगस्टर 3

साहेब, बीवी और गैंगस्टर-3 शुरू होती है लन्दन से. जहाँ कुंवर उदय प्रताप सिंह (संजय दत्त) एक क्लब चलाता है और ऐय्याशी की ज़िन्दगी जी रहा होता है. वो शादीशुदा है और उसकी एक बेटी भी है. पूरा पढ़ें...

फिल्म रिव्यू: साहब बीवी और गैंगस्टर 3

फिल्म रिव्यू: सूरमा

फिल्म के ट्रेलर के दिन से ही इस फिल्म का इंतज़ार बढ़ गया था. यकीन से तो नहीं लेकिन फिर भी एक विश्वास के साथ ये बोल सकता हूँ कि ये बात सब हिंदुस्तानी ज़रूर जानते होंगे कि संदीप सिंह हमारे राष्ट्रिय खेल हॉकी के भूतपूर्व कप्तान और अर्जुन अवार्डी है. पूरा पढ़ें...

फिल्म रिव्यू: सूरमा

फिल्म रिव्यू: संजू

राजकुमार हिरानी बॉलीवुड में 100 % का ट्रैक रिकॉर्ड रखते है. इसीलिए जब उन्होंने संजय दत्त के जीवन पर आधारित फिल्म संजू बनाने की सोची तब लोगों को लगा कि वो इस टाइप की फिल्म बना पाएंगे क्या? लेकिन किसी भी तरह के फिल्म बनाने को लेकर एक डायरेक्टर का दिमाग हमेशा क्लियर रहता है. पूरा पढ़ें...

फिल्म रिव्यू: संजू

फिल्म रिव्यू: वीरे दी वेडिंग

फिल्म के टाइटल का मतलब है भाई की शादी. पंजाब में बड़े भाई को वीर कहते है. लेकिन फिल्म में भाई नहीं है. चार महिला मित्र है, जो अपने को लड़कों से कम नहीं समझती है. पूरा पढ़ें...

फिल्म रिव्यू: वीरे दी वेडिंग

फिल्म रिव्यू: डेडपूल 2

सच्ची-सच्ची बताओ कि आप मार्वल की सुपरहीरो वाली फ़िल्में देखने क्यों जाते हो थियेटर में. क्या आपको कोई मैसेज मिलता है? थियेटर से निकलने के बाद आप समाज सेवा करने के लिए उतावले हो उठते हो? पूरा पढ़ें...

फिल्म रिव्यू: डेडपूल 2

फिल्म रिव्यू: राज़ी

राज़ी फिल्म एक 20 साल की लड़की की है जो कश्मीर की है. माँ-बाप की एकलौती संतान है और दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ती है. बहुत ही सहज, सरल और प्यारी सी बच्ची. पूरा पढ़ें...

फिल्म रिव्यू: राज़ी

फिल्म रिव्यू: ओमेर्टा

यह एक पूरी तरह से क्राइम फिल्म है. इसके माध्यम से निर्देशक कोई मैसेज या मोटिवेशन नहीं दे रहे है. बस एक जर्नी को दिखा रहे है. कैसे एक आतंकवाद का जन्म होता है. पूरा पढ़ें...

फिल्म रिव्यू: ओमेर्टा