Tag: Hindi Kahani
सियार की रणनीति – लब्ध प्रणाश की कहानी
एक राज्य में अतुलबल पराक्रमी राजा नन्द राज्य करता था । उसकी वीरता चारों दिशाओं में प्रसिद्ध थी । आसपास के सब राजा उसकी वन्दना करते थे । पूरा पढ़ें...
अविवेक का मूल्य – लब्ध प्रणाश की कहानी
एक गांव में उज्वलक नाम का बढ़ई रहता था । वह बहुत गरीब था । ग़रीबी से तंग आकर वह गांव छो़ड़कर दूसरे गांव के लिये चल पड़ा । पूरा पढ़ें...
वाचाल गधा और धोबी – लब्ध प्रणाश की कहानी
एक शहर में शुद्धपट नाम का धोबी रहता था । उसके पास एक गधा भी था । घास न मिलने से वह बहुत दुबला हो गया । धोबी ने तब एक उपाय सोचा । पूरा पढ़ें...
गीदड़ गीदड़ ही रहता है – लब्ध प्रणाश की कहानी
एक जंगल में शेर-शेरनी का युगल रहता था । शेरनी के दो बच्चे हुए । शेर प्रतिदिन हिरणों को मारकर शेरनी के लिये लाता था । दोनों मिलकर पेट भरते थे । पूरा पढ़ें...
कुम्हार की कहानी – लब्ध प्रणाश की कहानी
युधिष्ठिर नाम का कुम्हार एक बार टूटे हुए घड़े के नुकीले ठीकरे से टकरा कर गिर गया । गिरते ही वह ठीकरा उसके माथे में घुस गया । खून बहने लगा । पूरा पढ़ें...
शेर और मूर्ख गधा – लब्ध प्रणाश की कहानी
एक घने जङगल में करालकेसर नाम का शेर रहता था । उसके साथ धूसरक नाम का गीदड़ भी सदा सेवाकार्य के लिए रहा करता था । पूरा पढ़ें...
लालची नागदेव और मेढकों का राजा – लब्ध प्रणाशा की कहानी
एक कुएं में बहुत से मेंढक रहते थे। उनके राजा का नाम था गंगदत्त। गंगदत्त बहुत झगडालू स्वभाव का था। आसपास दो तीन और भी कुएं थे। पूरा पढ़ें...
बंदर का कलेजा और मगरमच्छ – लब्ध प्रणाशा की कहानी
किसी नदी के किनारे एक बहुत बड़ा पेड़ था। उस पर एक बंदर रहता था। उस पेड़ पर बड़े मीठे-रसीले फल लगते थे। बंदर उन्हें भरपेट खाता और मौज उड़ाता। वह अकेला ही मजे में दिन गुजार रहा था। पूरा पढ़ें...
कौवे और उल्लू का युद्ध – संधि-विग्रह की कहानी
दक्षिण देश में महिलारोप्य नाम का एक नगर था । नगर के पास एक बड़ा पीपल का वृक्ष था । उसकी घने पत्तों से ढकी शाखाओं पर पक्षियों के घोंसले बने हुए थे । पूरा पढ़ें...
बोलने वाली गुफा – संधि-विग्रह की कहानी
किसी जंगल में एक शेर रहता था। एक बार वह दिन-भर भटकता रहा, किंतु भोजन के लिए कोई जानवर नहीं मिला। थककर वह एक गुफा के अंदर आकर बैठ गया। पूरा पढ़ें...