‘भेड़िया, भेड़िया’ – सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की कहानी

एक चरवाहा लड़का गाँव के जरा दूर पहाड़ी पर भेड़ें ले जाया करता था। उसने मजाक करने और गाँववालों पर चड्ढी गाँठने की सोची। दौड़ता हुआ गाँव के अंदर आया और चिल्‍लाया, पूरा पढ़ें...

‘भेड़िया, भेड़िया’ – सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की कहानी