Tag: kahani Isthipa by munshi premchand
इस्तीफ़ा – प्रेमचंद की कहानी
दफ़्तर का बाबू एक बेज़बान जीव है। मजदूरों को ऑंखें दिखाओ, तो वह त्योरियॉँ बदल कर खड़ा हो जायकाह। कुली को एक डाँट बताओं, तो सिर से बोझ फेंक कर अपनी राह लेगा। पूरा पढ़ें...
दफ़्तर का बाबू एक बेज़बान जीव है। मजदूरों को ऑंखें दिखाओ, तो वह त्योरियॉँ बदल कर खड़ा हो जायकाह। कुली को एक डाँट बताओं, तो सिर से बोझ फेंक कर अपनी राह लेगा। पूरा पढ़ें...