कंजूस और सोना – सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की कहानी

एक आदमी था, जिसके पास काफी जमींदारी थी, मगर दुनिया की किसी दूसरी चीज से सोने की उसे अधिक चाह थी। इसलिए पास जितनी जमीन थी, कुल उसने बेच डाली और उसे कई सोने के टुकड़ों में बदला। पूरा पढ़ें...

कंजूस और सोना – सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की कहानी