Tag: Madhushala
कविता – मधुबाला
मैं मधु-विक्रेता को प्यारी, मधु के धट मुझ पर बलिहारी, मधु-प्यासे नयनों की माला। मैं मधुशाला की मधुबाला! पूरा पढ़ें...
कविता – मधुशाला
पुश्तैनी अधिकार मुझे है मदिरालय के आँगन पर, मेरे दादों परदादों के हाथ बिकी थी मधुशाला। पूरा पढ़ें...