साठ और सत्तर के दशक में मुमताज़ जैसी चमक किसी की नहीं थी

वक्त की एक खास बात होती है कि ये गुजर जाती है, लेकिन कोई भी वक़्त ऐसा नहीं है जो हमें कुछ ना कुछ नहीं दिया हो. ऐसे ही एक वक़्त ने हमें मुमताज दिया. पूरा पढ़ें...

साठ और सत्तर के दशक में मुमताज़ जैसी चमक किसी की नहीं थी