कहानी – बोध

पंडित चंद्रधर ने अपर प्राइमरी में मुदर्रिसी तो कर ली थी, किन्तु सदा पछताया करते थे कि कहाँ से इस जंजाल में आ फँसे। यदि किसी अन्य विभाग में नौकर होते, तो अब तक हाथ में चार पैसे होते, आराम से जीवन व्यतीत होता। पूरा पढ़ें...

कहानी – बोध

कहानी – शराब की दुकान

पाँच-छह खद्दरदारी मनुष्यों को देख कर सभी लोग उनकी ओर शंका और कुतूहल से ताकने लगे। दूकानदार ने चुपके से अपने एक नौकर के कान में कुछ कहा और नौकर दूकान से उतर कर चला गया। . . . पूरा पढ़ें...

कहानी – शराब की दुकान

कहानी – दो बैलों की कथा

जानवरों में गधा सबसे ज्यादा बुद्धिमान समझा जाता है। हम जब किसी आदमी को पहले दर्जे का बेवकूफ कहना चाहते हैं, तो उसे गधा कहते हैं। गधा सचमुच बेवकूफ है या उसके सीधेपन, उसकी निरापद सहिष्णुता ने उसे यह पदवी दे दी है, इसका निश्चय नहीं किया जा सकता। पूरा पढ़ें...

कहानी – दो बैलों की कथा

कहानी – बड़े घर की बेटी

जिस तरह सूखी लकड़ी जल्दी से जल उठती है-उसी तरह क्षुधा से बावला मनुष्य जरा-जरा सी बात पर तिनक जाता है। लालबिहारी को भावज की यह ढिठाई बहुत बुरी मालूम हुई, तिनक कर बोला-मैके में तो चाहे घी की नदी बहती हो पूरा पढ़ें...

कहानी – बड़े घर की बेटी

कहानी: एक चिनगारी घर को जला देती है

लियो टॉलस्टॉय एक रुसी लेखक थे. या फिर यूँ कहे कि अब तक के सबसे महान साहित्यकारों में से एक थे. उन्होंने अनेक कृतियों की रचना की. उनके लिखे कहानी को संसार के लगभग सभी भाषाओं में अनुवाद किया जा चुका है. टॉलस्टॉय के कहानी "एक चिनगारी घर को जला देती है" को हिंदी में अनुवाद किये है हिंदी कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद. पूरा पढ़ें...

कहानी: एक चिनगारी घर को जला देती है