Tag: Panchatantra kahani
टिटिहरी का जोड़ा और समुद्र का अभिमान – मित्रभेद की कहानी
समुद्रतट के एक भाग में एक टिटिहरी का जोडा़ रहता था । अंडे देने से पहले टिटिहरी ने अपने पति को किसी सुरक्षित प्रदेश की खोज करने के लिये कहा । टिटिहरे ने कहा - "यहां सभी स्थान पर्याप्त सुरक्षित हैं, तू चिन्ता न कर ।" पूरा पढ़ें...
शेर, ऊंट, सियार और कौवा – मित्रभेद की कहानी
किसी वन में मदोत्कट नाम का सिंह निवास करता था। बाघ, कौआ और सियार, ये तीन उसके नौकर थे। एक दिन उन्होंने एक ऐसे उंट को देखा जो अपने गिरोह से भटककर उनकी ओर आ गया था। पूरा पढ़ें...
खटमल और बेचारी जूं – मित्रभेद की कहानी
एक राजा के शयनकक्ष में मंदरीसर्पिणी नाम की जूं ने डेरा डाल रखा था। रोज रात को जब राजा जाता तो वह चुपके से बाहर निकलती और राजा का खून चूसकर फिर अपने स्थान पर जा छिपती। पूरा पढ़ें...
बगुला भगत और केकड़ा – मित्रभेद की कहानी
एक वन प्रदेश में एक बहुत बडा तालाब था। हर प्रकार के जीवों के लिए उसमें भोजन सामग्री होने के कारण वहां नाना प्रकार के जीव, पक्षी, मछलियां, कछुए और केकडे आदि वास करते थे। पास में ही बगुला रहता था, पूरा पढ़ें...
मूर्ख साधु और ठग – मित्रभेद की कहानी
एक बार की बात है, किसी गाँव के मंदिर में देव शर्मा नाम का एक प्रतिष्ठित साधु रहता था। गाँव में सभी उसका सम्मान करते थे। पूरा पढ़ें...
कहानी – बन्दर और लकड़ी का खूंटा
एक समय शहर से कुछ ही दूरी पर एक मंदिर का निर्माण किया जा रहा था. मंदिर में लकडी का काम बहुत था इसलिए लकडी चीरने वाले बहुत से मज़दूर काम पर लगे हुए थे. पूरा पढ़ें...
पंचतंत्र की प्रमुख कहानियाँ
पंचतंत्र एक विश्वविख्यात कथा ग्रन्थ है, जिसके रचयिता आचार्य विष्णु शर्मा है. इस ग्रन्थ में प्रतिपादित राजनीति के पाँच तंत्र (भाग) हैं. इसी कारण से इसे 'पंचतंत्र' नाम प्राप्त हुआ है. पूरा पढ़ें...