शेर, ऊंट, सियार और कौवा – मित्रभेद की कहानी

किसी वन में मदोत्कट नाम का सिंह निवास करता था। बाघ, कौआ और सियार, ये तीन उसके नौकर थे। एक दिन उन्होंने एक ऐसे उंट को देखा जो अपने गिरोह से भटककर उनकी ओर आ गया था। पूरा पढ़ें...

शेर, ऊंट, सियार और कौवा – मित्रभेद की कहानी

खटमल और बेचारी जूं – मित्रभेद की कहानी

एक राजा के शयनकक्ष में मंदरीसर्पिणी नाम की जूं ने डेरा डाल रखा था। रोज रात को जब राजा जाता तो वह चुपके से बाहर निकलती और राजा का खून चूसकर फिर अपने स्थान पर जा छिपती। पूरा पढ़ें...

खटमल और बेचारी जूं – मित्रभेद की कहानी

लड़ती भेड़ें और सियार – मित्रभेद की कहानी

एक दिन एक सियार किसी गाँव से गुजर रहा था। उसने गाँव के बाजार के पास लोगों की एक भीड़ देखी। कौतूहलवश वह सियार भीड़ के पास यह देखने गया कि क्या हो रहा है। सियार ने वहां देखा कि दो भेड़ें आपस में लड़ाई कर रहे थे। पूरा पढ़ें...

लड़ती भेड़ें और सियार – मित्रभेद की कहानी

कहानी – सियार और ढ़ोल (The Jackal and the Drum)

अपनी मांद में घुसते ही सियार बोला 'ओ सियारी! दावत खाने के लिए तैयार हो जा। एक मोटे-ताजे शिकार का पता लगाकर आया हूं।' पूरा पढ़ें...

कहानी – सियार और ढ़ोल (The Jackal and the Drum)