सुमित्रानंदन पंत जी की कविता ‘आते कैसे सूने पल’

1961 में 'पद्मभूषण' की उपाधि से विभूषित, जीवन-पर्यन्त रचनारत, अविवाहित पंत जी के ह्रदय में नारी और प्रकृति के प्रति आजीवन सौन्दर्यपरक भावना रही. हिंदी साहित्य पंत जी के रचनाओं से हमेशा सुशोभित होता रहेगा. आइए यहाँ आज उनके रचित कविता आते कैसे सूने पल पढ़ते है. पूरा पढ़ें...

सुमित्रानंदन पंत जी की कविता  ‘आते कैसे सूने पल’