Category: पंचतंत्र की कहानियाँ
पंचतंत्र एक विश्वविख्यात कथा ग्रन्थ है, जिसके रचयिता आचार्य विष्णु शर्मा है. इस ग्रन्थ में प्रतिपादित राजनीति के पाँच तंत्र (भाग) हैं. इसी कारण से इसे ‘पंचतंत्र’ नाम प्राप्त हुआ है. भारतीय साहित्य की नीति कथाओं का विश्व में महत्त्वपूर्ण स्थान है. पंचतंत्र उनमें प्रमुख है.
मूर्ख मित्र – मित्रभेद की कहानी
किसी राजा के राजमहल में एक बन्दर सेवक के रुप में रहता था । वह राजा का बहुत विश्वास-पात्र और भक्त था । अन्तःपुर में भी वह बेरोक-टोक जा सकता था । पूरा पढ़ें...
जैसे को तैसा – मित्रभेद की कहानी
एक स्थान पर जीर्णधन नाम का बनिये का लड़का रहता था । धन की खोज में उसने परदेश जाने का विचार किया । उसके घर में विशेष सम्पत्ति तो थी नहीं, केवल एक मन भर भारी लोहे की तराजू थी । पूरा पढ़ें...
मूर्ख बगुला और नेवला – मित्रभेद की कहानी
जंगल के एक बड़े वट-वृक्ष की खोल में बहुत से बगुले रहते थे । उसी वृक्ष की जड़ में एक साँप भी रहता था । वह बगलों के छोटे-छोटे बच्चों को खा जाता था । पूरा पढ़ें...
मित्र-द्रोह का फल – मित्रभेद की कहानी
दो मित्र धर्मबुद्धि और पापबुद्धि हिम्मत नगर में रहते थे। एक बार पापबुद्धि के मन में एक विचार आया कि क्यों न मैं मित्र धर्मबुद्धि के साथ दूसरे देश जाकर धनोपार्जन कर्रूँ। पूरा पढ़ें...
गौरैया और बन्दर – मित्रभेद की कहानी
किसी जंगल के एक घने वृक्ष की शाखाओं पर चिड़ा-चिडी़ का एक जोड़ा रहता था । अपने घोंसले में दोनों बड़े सुख से रहते थे । पूरा पढ़ें...
चिड़िया और बन्दर – मित्रभेद की कहानी
एक जंगल में एक पेड पर गौरैया का घोंसला था। एक दिन कडाके की ठंड पड रही थी। ठंड से कांपते हुए तीन चार बंदरो ने उसी पेड के नीचे आश्रय लिया। एक बंदर बोला “कहीं से आग तापने को मिले तो ठंड दूर हो सकती हैं।” पूरा पढ़ें...
सिंह और सियार – मित्रभेद की कहानी
वर्षों पहले हिमालय की किसी कन्दरा में एक बलिष्ठ शेर रहा करता था। एक दिन वह एक भैंसे का शिकार और भक्षण कर अपनी गुफा को लौट रहा था। पूरा पढ़ें...
गौरैया और हाथी – मित्रभेद की कहानी
किसी पेड़ पर एक गौरैया अपने पति के साथ रहती थी। वह अपने घोंसले में अंडों से चूजों के निकलने का बेसब्री से इंतज़ार कर रही थी। पूरा पढ़ें...
तीन मछलियां – मित्रभेद की कहानी
एक नदी के किनारे उसी नदी से जुडा एक बडा जलाशय था। जलाशय में पानी गहरा होता हैं, इसलिए उसमें काई तथा मछलियों का प्रिय भोजन जलीय सूक्ष्म पौधे उगते हैं पूरा पढ़ें...
मूर्ख बातूनी कछुआ – मित्रभेद की कहानी
एक तालाब में कम्बुग्रीव नामक एक कछुआ रहता था। उसी तलाब में दो हंस तैरने के लिए उतरते थे। हंस बहुत हंसमुख और मिलनसार थे। कछुए और उनमें दोस्ती होते देर न लगी। पूरा पढ़ें...