फिल्म रिव्यू: गली बॉय

मुंबई की असली आत्मा और यहाँ के लोगों की प्रकृति कैसी है इसके लिए गली बॉय देखना जरूरी सा लगता है। पूरा पढ़ें...

फिल्म रिव्यू: गली बॉय

फिल्म रिव्यू: एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा

माफ कीजिए, मगल फिल्म मनोरंजन कम करती है और सुलाती ज्यादा है. पूरा पढ़ें...

फिल्म रिव्यू: एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा

फिल्म रिव्यू: ठाकरे

फिल्म अच्छी है, देखी जानी चाहिए. बालासाहेब ठाकरे - एक प्रेरणादायक यात्रा. पूरा पढ़ें...

फिल्म रिव्यू: ठाकरे

फिल्म रिव्यू: मणिकर्णिका-द क्वीन ऑफ झाँसी

रानी लक्ष्मीबाई का जीवन किसी एक हिट फिल्म के स्क्रिप्ट से ज्यादा पावरफुल है. पूरा पढ़ें...

फिल्म रिव्यू: मणिकर्णिका-द क्वीन ऑफ झाँसी

फिल्म रिव्यू: ज़ीरो

कहानी है मेरठ के रहने वाले एक इंसान की जिसका नाम है बौआ सिंह (शाहरुख़ खान). ३८ साल के बौआ सिंह का शारीरिक कद छोटा रह गया है जिसे आम तौर पर लोग बौना बुलाते हैं. पूरा पढ़ें...

फिल्म रिव्यू: ज़ीरो

फिल्म रिव्यू: एक्वामैन – होम इज कॉलिंग

अमेरिका के मेन शहर के समंदर में एक तूफान के कारण एक जलपरी घायल अवस्था में किनारे पर बेहोश पड़ी होती है. तभी उनपर एक लाइट हाऊस के रक्षक थॉमस (टेमोरा मॉरिसन) की नज़र उसपर पड़ती है पूरा पढ़ें...

फिल्म रिव्यू: एक्वामैन – होम इज कॉलिंग

फिल्म रिव्यू: ठग्स ऑफ हिन्दोस्तान

जब इस फिल्म का ट्रेलर आया था तब लोगों ने कहा था कि यह पाइरेट्स ऑफ द कैरेबियन की हिंदी रीमेक है, इसका वीएफएक्स अच्छा नहीं है और फिर ना जाने क्या-क्या। पूरा पढ़ें...

फिल्म रिव्यू: ठग्स ऑफ हिन्दोस्तान

फिल्म रिव्यू: बाज़ार

अगर आप थ्रिलर फिल्मों को देखने के शौक़ीन हैं तो इस हफ्ते आपको एक नई किस्म की थ्रिलर देखने को मिलेगी. ये कोई मर्डर मिस्ट्री टाइप की थ्रिलर नहीं है. बॉलीवुड में शायद पहली बार एक फाइनेंसियल थ्रिलर फिल्म बानी है - बाज़ार. पूरा पढ़ें...

फिल्म रिव्यू: बाज़ार

फिल्म रिव्यू: बधाई हो

फिल्म दिल्ली में बेस्ड है. नकुल (आयुष्मान खुराना) अपने मम्मी, पापा, छोटे भाई और दादी के साथ रहता है. कॉर्पोरेट में काम करता है और एक स्वीट की लड़की रेने (सान्या मल्होत्रा) का बॉयफ्रेंड है. सब सही चल रहा होता है तभी परिवार में खुशी की एक घंटी बजती है. पूरा पढ़ें...

फिल्म रिव्यू: बधाई हो

फिल्म रिव्यू: अंधाधुन

अंधाधुन - बहुत दिनों बाद ऐसी फिल्म आयी है जिसका रिव्यू लिखने में मज़ा आने वाला है. या फिर यों कहें कि लोगों को देखने में ज्यादा मज़ा आनेवाला है. पूरा पढ़ें...

फिल्म रिव्यू: अंधाधुन