Film Baazaar poster

फिल्म रिव्यू: बाज़ार

Film Baazaar poster

अगर आप थ्रिलर फिल्मों को देखने के शौक़ीन हैं तो इस हफ्ते आपको एक नई किस्म की थ्रिलर देखने को मिलेगी. ये कोई मर्डर मिस्ट्री टाइप की थ्रिलर नहीं है. बॉलीवुड में शायद पहली बार एक फाइनेंसियल थ्रिलर फिल्म बानी है - बाज़ार.

कहानी क्या है

कहानी का मुख्य पात्र है रिज़वान अहमद (रोहन मेहरा). रिज़वान इलाहाबद (प्रयागराज) का रहनेवाला है और कॉलेज ग्रेजुएट है. वो इलाहाबाद में ही छोटा-मोटा ब्रोकेज का धंधा करता है लेकिन अपने आप से खुश नहीं है. उसे कुछ बड़ा करना है, और बड़ा करने के लिए बड़ी जगह की दरकार होती है. तो वह फैमिली के अगेंस्ट जाकर मुंबई आ जाता है. रिज़वान शेयर मार्केट के सबसे बड़े खिलाड़ी शकुन कोठारी (सैफ अली खान) को अपना भगवान मानता है और उसके साथ काम करना चाहता है.

Saif Ali Khan and Rohan Mehra as in Baazaar

इसी दौरान उसे प्रिया (राधिका आप्टे) मिलती है जो शकुन के ही एक फर्म के साथ काम कर रही है. कई कोशिश के बाद उसे शकुन कोठारी के साथ काम करने का मौका मिल जाता है. जब वह काम शुरू करता है तो शकुन अपना बिजनेस माइंड चलना शुरू करता है और एक के बाद एक नए गेम खेलता है. कभी कॉम्पिटिटर के साथ तो कभी गोवर्नमेंट के साथ. इसी सब खेल से होते हुए फिल्म एक प्रेडिक्टेबल एंडिंग तक बढ़ती जाती है, जहाँ आपको पता चल जाता है कि फिल्म कहाँ जा रही है.

लेखन - निर्देशन - मेकिंग

फिल्म को निखिल आडवानी, परवेज शेख और असीम अरोड़ा ने मिलकर लिखा है. फिल्म में लिखावट में कमी साफ़ तौर पर दिखती है. ऐसी फिल्म जब इतनी आसानी से समाप्ति की और बढ़ता है तो देखने में मज़ा नहीं आता. थ्रिलर फिल्मों से दर्शकों की अपेक्षा कुछ ज्यादा ही होती है. ऐसी स्टोरी को जब तक सही से लिखा नहीं जाएगा, डायरेक्टर कोई भी हो, कुछ नहीं कर सकता है. निर्देशन की बात करें तो यही एक चीज है जो फिल्म को टॉलरेट करने के लायक बनाती है.

A scene from film Baazaar trailer

फिल्म की पूरी शूटिंग मुंबई में हुई है और लोकेशन को एक कॉर्पोरेट ऑफिस से बाहर रखा ही नहीं गया है और एक तरह से यह फिल्म में देखने में अच्छा भी लगता है. कैमरा का एंगल मुंबई की शालीनता को बहुत ही अच्छे से दिखाया है. स्क्रिप्ट पर थोड़ी और मेहनत की जाती तो बात कुछ और हो सकती थी.

अभिनय

सैफ अली खान को जितना पावरफुल किरदार दिया जाए वो उतने ही सलीके से करते हैं. इस बात को हमलोग रेस सीरीज में देख चुके हैं. यहाँ भी शकुन कोठारी का किरदार बहुत पावरफुल है जिसे निभाने में सैफ को कोई परेशानी नहीं हुई है. वो एक्टिंग कर रहे हैं , ऐसा नहीं लगता. डेब्यू कर रहे रोहन मेहरा रिज़वान अहमद के किरदार को पूरी तरह से जस्टिफाई करते हैं. फिल्म के पहले ही सीन में देखकर लगता है की ये लड़का कुछ बड़ा करने वाला है. कहीं - कहीं हल्के लगे हैं, जिसमें सुधार की साफ गुंजाइश दिखती है.

Chitrangada Singh and Radhika Apte in film Baazaar trailer

शकुन कोठारी की पत्नी बनी मंदिरा (चित्रांगदा सिंह) को ज्यादा स्क्रीनस्पेस नहीं मिल पाया है लेकिन जितना भी मिला, वो करना उनके लिए आसान रहा. प्रिया यानी की राधिका आप्टे, वो पूरी फिल्म में एक्टिव है और एक प्रोफेशनल कॉर्पोरेट वुमन की तरह बिहेव की है. उनको देखकर लगता है की कॉर्पोरेट में काम करने वाली लड़की शायद ऐसी ही होती होंगी. और यही राधिका आप्टे के हिस्से की तारीफ़ है. कुछ सपोर्टिंग कास्ट भी फिल्म में जँचते है और फिल्म को बोर नहीं बनाती है.

गीत - संगीत

पूरी फिल्म में बजने वाला केम छो. . .फिल्म के मोमेंटम को बरकरार रखती है. साथ ही अधूरा लफ्ज और छोड़ दिया जैसे गीत भी हैं जो फिल्म को एक अच्छा टच देती है. जॉन एडरी का बैकग्राउंड स्कोर फिल्म को लय में लाने का काम करता है. फिल्म के पाँच गीत को सात गीतकारों ने मिलकर लिखा है और पाँच संगीतकारों ने धुन बनाया है. गौर करने वाली बात ये है की ये सब आजकल बॉलीवुड के ट्रेंड में है. जिससे अब सोलो क्रेडिट खोता हुआ सा दिख रहा है.

Saif Ali Khan as in Baazaar

और अंत में: थ्रिलर फिल्म आपको पसंद है तो आप जा सकते है, नहीं तो घर पर बैठकर भी चाय-समोसा खाया जा सकता है. यह एक मस्ट वाच मूवी के लिस्ट में नहीं आती है. और हाँ, अगर आप सैफ अली खान के फैन है तो आपके पास मूवी मिस करने की कोई वजह नहीं होनी चाहिए. फिल्म का बिजनेस 50 करोड़ तक भी टच कर पाएगा, कहना मुश्किल है.

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