कहानी – एक आदिम रात्रि की महक

करमा अपने हाथ का बना हुआ हलवा-पूरी उस छौंड़ी को नहीं खिला सका। एक दिन कागज की पुड़िया में ले गया। लेकिन वह पसीने से भीग गया। उसकी हिम्मत ही नहीं हुई। पूरा पढ़ें...

कहानी – एक आदिम रात्रि की महक