धिक्कार-2 – प्रेमचंद की कहानी

अनाथ और विधवा मानी के लिये जीवन में अब रोने के सिवा दूसरा अवलंब न था। वह पाँच वर्ष की थी, जब पिता का देहांत हो गया। माता ने किसी तरह उसका पालन किया। पूरा पढ़ें...

धिक्कार-2 – प्रेमचंद की कहानी