दूसरी शादी – प्रेमचंद की कहानी

जब मैं अपने चार साल के लड़के रामसरूप को गौर से देखता हूं तो ऐसा मालूम हेाता हे कि उसमें वह भोलापन और आकर्षण नहीं रहा जो कि दो साल पहले था। पूरा पढ़ें...

दूसरी शादी – प्रेमचंद की कहानी