Tag: kahani mubarak bimari by munshi premchand
मुबारक बीमारी – प्रेमचंद की कहानी
रात के नौ बज गये थे, एक युवती अंगीठी के सामने बैठी हुई आग फूंकती थी और उसके गाल आग के कुन्दनी रंग में दहक रहे थ। उसकी बड़ी-बड़ी आंखें दरवाजे की तरफ़ लगी हुई थीं। पूरा पढ़ें...