Tag: kahani naagpuja by munshi premchand
नागपूजा – प्रेमचंद की कहानी
प्रातःकाल था। आषाढ़ का पहला दौंगड़ा निकल गया था। कीट-पतंग चारों तरफ रेंगते दिखायी देते थे। तिलोत्तमा ने वाटिका की ओर देखा तो वृक्ष और पौधे ऐसे निखर गये थे जैसे साबुन से मैले कपड़े निखर जाते हैं। पूरा पढ़ें...