शांति – प्रेमचंद की कहानी

स्‍वर्गीय देवनाथ मेरे अभिन्‍न मित्रों में थे। आज भी जब उनकी याद आती है, तो वह रंगरेलियां आंखों में फिर जाती हैं, और कहीं एकांत में जाकर जरा रो लेता हूं। हमारे देर रो लेता हूं। पूरा पढ़ें...

शांति – प्रेमचंद की कहानी