ठाकुर का कुआँ – प्रेमचंद की कहानी

जोखू ने लोटा मुंह से लगाया तो पानी में सख्त बदबू आई । गंगी से बोला-यह कैसा पानी है ? मारे बास के पिया नहीं जाता । गला सूखा जा रहा है पूरा पढ़ें...

ठाकुर का कुआँ – प्रेमचंद की कहानी