सिंदबाद जहाजी की सातवीं समुद्री यात्रा

इससे पहले बहुत-से गुलाम खो कर भी मैं मामूली लाभ ही पाता था, अब तुम्हारे कारण मैं ही नहीं इस नगर के सारे व्यापारी संपन्न हो जाएँगे। पूरा पढ़ें...

सिंदबाद जहाजी की सातवीं समुद्री यात्रा

सिंदबाद जहाजी की छठी समुद्री यात्रा

एक बिछौना अजगर की खाल का, जो एक इंच से अधिक मोटा था। इस बिछौने की विशेषता यह थी कि उस पर सोने वाला आदमी कभी बीमार नहीं पड़ता था। पूरा पढ़ें...

सिंदबाद जहाजी की छठी समुद्री यात्रा

सिंदबाद जहाजी की पांचवीं समुद्री यात्रा

जब जोर की ठक-ठक की आवाज के साथ बच्चे की चोंच अंडा तोड़ कर निकली तो व्यापारियों को सूझा कि रुख के बच्चे को भूनकर खा जाएँ। पूरा पढ़ें...

सिंदबाद जहाजी की पांचवीं समुद्री यात्रा

सिंदबाद जहाजी की चौथी समुद्री यात्रा

बादशाह के कब्जे में जो द्वीप था वह बहुत बड़ा और धन-धान्य से पूर्ण था। उसने मुझे अपना दरबारी बना लिया। लोग मुझे देखकर ऐसा बर्ताव करने लगे जैसे मैं उनके देश का निवासी हूँ। पूरा पढ़ें...

सिंदबाद जहाजी की चौथी समुद्री यात्रा

सिंदबाद जहाजी की तीसरी समुद्री यात्रा

तीसरी समुद्र यात्रा का वर्णन करने के बाद सिंहबाद ने हिंदबाद को चार सौ दीनारें दीं। पूरा पढ़ें...

सिंदबाद जहाजी की तीसरी समुद्री यात्रा

सिंदबाद जहाजी की दूसरी समुद्री यात्रा

एक-एक गिद्ध के घोंसले को एक-एक व्यापारी चुन लेता था। वहाँ से मिले हीरों पर उसके सिवा किसी का अधिकार नहीं होता था। पूरा पढ़ें...

सिंदबाद जहाजी की दूसरी समुद्री यात्रा