Mukesh Ambani

मुकेश अम्बानी: कैसे जियो ने उनका सबसे बड़ा सपना पूरा किया

Mukesh Ambani

जब भारत में टेलीकॉम कंपनी की शुरुआत हुई उसके कुछ दिनों के बाद ही रिलायंस परिवार में बँटवारा हो गया. धीरूभाई अम्बानी के देहांत के बाद उनकी प्रॉपर्टी को दोनों भाईयों ने बाँट लिया. दोनों भाई मतलब मुकेश अम्बानी और अनिल अम्बानी. बंटवारा मतलब बराबरी. क्योंकि रिलायंस ग्रुप में बहुत सारी कंपनियों का समायोजन है सो किसी को कुछ मिला तो किसी को कुछ. टेलीकॉम वाला बिजनेस छोटे भाई अनिल के हिस्से में आया. और बड़े भाई मुकेश के हिस्से में पेट्रोलियम तथा अन्य बिजनेस.

धीरूभाई अम्बानी का संयुक्त परिवार
धीरूभाई अम्बानी का संयुक्त परिवार

कहीं ना कहीं मुकेश अम्बानी को टेलीकॉम बिजनेस उनके हिस्से में ना आने का मलाल था. क्योंकि वो जानते थे कि आनेवाला भविष्य इसी का है. श्री मुकेश अम्बानी बहुत ही तेज और मैच्योर बिजनेसमैन है, सो वो इस प्लान को यानि कि टेलीकॉम बिजनेस को फ्लोर पर लाने के काम में लग गए. और जब नवम्बर 2016 में जियो लांच हुआ तो वो टेलीकॉम मार्किट को पूरी तरह से बदल कर रख दिया. आज यानी की 19 अप्रैल को श्री अम्बानी का जन्मदिन होता है. साल 1957 में जन्में मुकेश आज 61 साल के हो रहे है. उनके जन्मदिन के इस खास मौके पर आईए जानते है कैसे सिर्फ दो साल के भीतर ही वो भारतीय टेलीकॉम के दुनिया के सरताज बन गए.

इस बात पर विश्वास कर पाना मुश्किल है कि जिस टेलीकॉम कम्पनी को लांच हुए अभी तक पुरे दो साल भी नहीं हुए है उसने टेलीकॉम जैसी इंडस्ट्री को आते ही पूरी तरह से बदल कर रख दिया है. शुरुआत से ही जियो का ध्यान वॉल्यूम पर रहा है. मतलब ये कि एक कस्टमर से हजार रूपए चार्ज करने के बजाए दस कस्टमर से सौ-सौ रूपए चार्ज करने की स्ट्रेटजी रही है. यानि प्राइस कम और वॉल्यूम ज्यादा. इसीलिए शुरुआत में फ्री सर्विसेस प्रोवाइड करके उन्होंने जियो के तरफ ज्यादा से ज्यादा कस्टमर को अट्रैक्ट किया. और फ्री सर्विस का पीरियड ख़तम होने के बाद अब बारी थी कस्टमर को पकड़ कर रखने की. जिसमें उनकी दो स्ट्रेटजी काम आयी:

पहला, जियो आने से पहले बहुत बचा बचा के डाटा इस्तेमाल करना पड़ता था. वहीं जियो आने के बाद लोगों को फ्री में डाटा मिलना शुरू हो गया. और वो भी बहुत अच्छी स्पीड वाला डाटा. जिसकी वजह से लोग धीरे-धीरे डाटा से अडिक्टेड हो गए. यानी उन्हें डेली बहुत सारा डाटा इस्तेमाल करने की आदत लग गयी. और डाटा लोगों की एक बुनियादी ज़रुरत यानी कि बेसिक नीड बन गयी.

और दूसरा है, आदत लगाना इसका मतलब इस तरह से समझते है – जो चीज हमारे पास होती है वो हमें ज्यादा मूल्यवान और कंफर्टेबल लगती है. और इसीलिए कई बार लोगों को जो इस उनके पास है उसे बदलने में बहुत मुश्किल होती है.

Mukesh Ambani on Jio launch

शुरुआत में फ्री सर्विस देने के बाद जियो ने अपनी प्राइम मेम्बरशिप लांच की. तो उस वक़्त बाकि टेलीकॉम कम्पनीज जैसे कि एयरटेल, आइडिया, वोडाफोन और अन्य ने भी अपने चार्जेज काफी कम कर दिए थे. लगभग जियो जितने ही कर दिए थे. फिर भी उस वक़्त ज्यादातर लोगों ने जियो के साथ रहना ही पसंद किया. शुरुआत में फ्री सर्विस देने के बाद जियो को पता था कि एक बार जियो उनके लाइफ का हिस्सा बन जाता है तो फिर इसे छोड़ना लोगों के लिए कठिन हो जाएगा.

Mukesh Ambani on Jio Prime Enrolment launch

रिलायंस जियो एक बहुत ही फोकस्ड बिजनेस है. डेवलप्ड कंट्री जैसे कि अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, जापान, चीन में चल रहे डाटा रिवोल्यूशन को देखकर श्री मुकेश अम्बानी को पता चल गया था की डाटा सर्विसेस ही टेलीकॉम इंडस्ट्री का भविष्य है. इसीलिए उन्होंने अपना पूरा फोकस सिर्फ डाटा सर्विसेस पर लगाया. डाटा ही उनकी प्रायोरिटी थी इसीलिए उन्होंने वौइस् कॉल की फैसिलिटी भी वोल्ट-ई के जरिए डाटा के माध्यम से ही देना शुरू कर दिया. उन्होंने अपने डाटा सर्विसेस को प्रोमोट करने के लिए लाइफ फोन्स भी लांच किये. जिसे 2017 के आईपीएल में पुणे सुपरजियान्ट्स टीम का स्पॉन्सर बनाया गया.

LYF phone

श्री मुकेश अम्बानी बहुत तेज, काबिल और विजनरी बिजनेसमैन है. और जियो के बिजनेस में उनके इतने साल के अनुभव का बहुत फायदा मिला. रिलायंस जियो मि. मुकेश अम्बानी का ड्रीम प्रोजेक्ट है. जैसा कि हमने ऊपर लिखा है और जियो के लिए उन्होंने इतनी ही तैयारी और इन्वेस्टमेंट की है. उन्होंने जियो में अब तक करीब ढाई लाख करोड़ रुपया इन्वेस्ट किये है. शाहरुख़ खान जैसे बड़े स्टार को इसका ब्रांड अम्बेस्डर बनाया गया. जबकि एयरटेल जैसी कंपनी दो लाख करोड़ तक भी सही से नहीं पहुँच पायी है. जियो ने इंडिया का सबसे बड़ा ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क बनाया है. ऑप्टिकल फाइबर की डाटा ट्रांसफर करने की कैपिसिटी बहुत ज्यादा होती है.

ऑप्टिकल फाइबर केबल (सांकेतिक तस्वीर)
ऑप्टिकल फाइबर केबल (सांकेतिक तस्वीर)

ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क को बनाने की परमिशन के लिए उन्हें काफी टाइम लगा था. प्रोजेक्ट काफी बड़ा था. और इसमें टेक्नोलॉजी भी नई यूज की गई है. इसीलिए सर्विसेस लांच करने में उन्हें टाइम लगा. और बहुत ज्यादा कैपिटल भी लगा. अपनी नई टेक्नोलॉजी की वजह से उनके पास कॉम्पिटिटिव एडवांटेज आ गया. जियो ने 2G और 3G के बिजनेस में इंटर ही नहीं किया. उन्होंने अपना पूरा ध्यान फ्यूचर टेक्नोलॉजी पर दिया. आगे चलकर अगर 5G और 6G भी आता है तो उसके लिए भी उनकी टेक्नोलॉजी तैयार है. यहाँ पर श्री मुकेश अम्बानी ने अपनी सोच हमेशा लम्बी रखी. उन्होंने शार्ट टर्म प्रॉफिट पर बिलकुल भी ध्यान नहीं दिया और अपना पूरा ध्यान जियो के कस्टमर बढ़ाने पर रखा. मार्केट में पकड़ बनाने पर रखा. जियो के लांच होने से भारत में इंटरनेट की पहुंच लोगों तक आसानी से हुई है. और ग्रामीण क्षेत्र में भी इसका बहुत फायदा मिला है. जियो के लांच होने के बाद रिलायंस का शेयर प्राइस दुगना से भी ज्यादा बढ़ा है. हांलाकि रिलायंस बहुत बड़ा ग्रुप है और ग्रोथ रेट बाकी फैक्टर भी निर्भर करता है.

जियो की सर्विसेस लांच होने के 5 - 6 साल पहले से ही इस प्रोजेक्ट पर काम चल रहा था. लेकिन बाकी टेलीकॉम कम्पनीज ने जियो को कम आंकने करने की भूल की. उन्हें क्या पता था की बाज़ी इतनी जल्दी पलट जाएगी. जिस गेम को वो पिछले 20 सालों से सालों से खेलते आ रहे थे, उस गेम के रूल्स जियो ने चंद महीनों में ही बदल दिए थे. जियो की वजह से बाकी टेलीकॉम कम्पनीज को भी अपने चार्ज कम करने पड़े. पर बाकी कम्पनीज 2G और 3G सर्विसेस भी प्रोवाइड करती थी. इसीलिए उनके खर्च ज्यादा थे. और फिर किसी का प्रॉफिट काम हो गया, कोई लॉस में चला गया तो कोई मार्किट से ही बाहर हो गया. एयरसेल, टेलीनॉर, रिलायंस कम्युनिकेशन (छोटे भाई की कंपनी) जैसे कंपनियों को अपनी वायरलेस बिजनेस से एक्जिट लेनी पड़ी. मतलब ये की वो मार्केट से ही बहार हो गए. वहीं आइडिया और वोडाफोन को मर्ज होना पड़ा, ताकि वो कम-से-कम मार्केट में बने रह सके. अभी हाल में ही जियो प्रॉफिटेबल हुई है. रिलायंस जियो, रिलायंस इंडस्ट्रीज की कई कंपनियों में से एक है.

नवी मुंबई स्थित जियो का हेड ऑफिस
नवी मुंबई स्थित जियो का हेड ऑफिस

जियो के शेयर प्राइस बढ़ने से इन्वेस्टर्स को बहुत फायदा हुआ है. और फिर इस्तेमाल करने वाले ग्राहक तो रात-दिन उन्हें दुआएँ देते ही है. अभी हाल ही में स्मार्टफोन ना होने की स्थिति में भी वो जीरो बजट का एक जियो फोन भी लांच किये है. इसका मार्केट भी बहुत अच्छा है. लोगों को पसंद आ रहा है. लोग जब सक्षम हो तो आइए काम काना चाहिए. पुण्य होता है. एक बार फिर से श्री मुकेश अम्बानी को उनके जन्मदिन की अनेक शुभकामनाएँ.

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