Tag: हिंदी कहानी
दो गधों का बोझ – अकबर बीरबल की कहानी
एक बार अकबर अपने शहजादे और बीरबल के साथ नदी पर नहाने गए। अकबर ने अपनी पोशाक उतारकर बीरबल को दे दी। शहजादे ने भी वैसा ही किया। अकबर को मजाक सूझा, पूरा पढ़ें...
गधे तम्बाकू नहीं खाते – अकबर बीरबल की कहानी
बीरबल तम्बाकू खाता था पर अकबर ना खाते थे. एक बार तम्बाकू के खेत में गधे को घास खाते देख अकबर को मजाक सूझा, ” बीरबल ! गधे भी तम्बाकू नहीं खाते? पूरा पढ़ें...
सबसे तेज कौन दौडता है ? – अकबर बीरबल की कहानी
अकबर ने दरबार में सवाल उठाया, “सबसे तेज कौन चलता है ?” किसी ने चाँद तो किसी ने सुरज को सबसे तेज चलने वाला बताया। फिर बीरबल से पूछा गया, “महाराज ! महाजन का सूद सबसे तेज दौडता है पूरा पढ़ें...
बेगम साहिबा – अकबर बीरबल की कहानी
एक बार अकबर बीरबल हँसी मजाक कर रहे थे. अकबर बोले, “बीरबल ! तुम्हारी बीवी बहुत सुंदर है” बीरबल : जहाँपनाह, पहले मैं भी ऐसा ही सोचता था पर जबसे बेगम साहिबा को देखा है मैं अपनी पत्नी को ही भूल गया पूरा पढ़ें...
छोटी लाईन बड़ी लाईन – अकबर बीरबल की कहानी
एक बार अकबर बीरबल हँसी मजाक कर रहे थे। तभी अकबर ने तलवार से धरती पर एक लाईन खींच दी और उसे बिना मिटाये छोटी करने को कहा । बीरबल ने उसी लाईन के सामने एक बडी लाईन खींच दी। पूरा पढ़ें...
मोम का शेर – अकबर बीरबल की कहानी
एक बार ईरान के राजा ने पिंजरे में एक शेर भेजा और कहा कि अगर इसे कोई बिना पिंजरा खोले बाहर निकाल देगा तो मान जायेगा की आपके दरबार मेंनवरत्नों की होड संसार में नहीं हो सकती। पूरा पढ़ें...
तत्सत् – जैनेन्द्र कुमार की कहानी
एक गहन वन में दो शिकारी पहुँचे। वे पुराने शिकारी थे। शिकार की टोह में दूर-दूर घूम रहे थे, लेकिन ऐसा घना जंगल उन्हें नहीं मिला था। देखते ही जी में दहशत होती थी। वहाँ एक बड़े पेड़ की छाँह में उन्होंने वास किया और आपस में बातें करने लगे। पूरा पढ़ें...
शिकार को निकला शेर – सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की कहानी
एक शेर एक रोज जंगल में शिकार के लिए निकला। उसके साथ एक गधा और कुछ दूसरे जानवर थे। सब-के-सब यह मत ठहरा कि शिकार का बराबर हिस्सा लिया जाएगा। पूरा पढ़ें...
सौदागर और कप्तान – सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की कहानी
एक सौदागर समुद्री यात्रा कर रहा था, एक रोज उसने जहाज के कप्तान से पूछा, ''कैसी मौत से तुम्हारे बाप मरे?"कप्तान ने कहा, ''जनाब, मेरे पिता, मेरे दादा और मेरे परदादा समंदर में डूब मरे।'' पूरा पढ़ें...
महावीर और गाड़ीवान – सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की कहानी
एक गाड़ीवान अपनी भरी गाड़ी लिए जा रहा था। गली में कीचड़ था। गाड़ी के पहिए एक खंदक में धँस गए। बैल पूरी ताकत लगाकर भी पहियों को निकाल न सके। पूरा पढ़ें...