Tag: Hindi Kahani
कोई दुख न हो तो बकरी ख़रीद लो – प्रेमचंद की कहानी
उन दिनों दूध की तकलीफ थी। कई डेरी फर्मों की आजमाइश की, अहारों का इम्तहान लिया, कोई नतीजा नहीं। दो-चार दिन तो दूध अच्छा, मिलता फिर मिलावट शुरू हो जाती। पूरा पढ़ें...
ज्योति – प्रेमचंद की कहानी
विधवा हो जाने के बाद बूटी का स्वभाव बहुत कटु हो गया था। जब बहुत जी जलता तो अपने मृत पति को कोसती-आप तो सिधार गए, मेरे लिए यह जंजाल छोड़ गए । पूरा पढ़ें...
घमण्ड का पुतला – प्रेमचंद की कहानी
शाम हो गयी थी। मैं सरयू नदी के किनारे अपने कैम्प में बैठा हुआ नदी के मजे ले रहा था कि मेरे फुटबाल ने दबे पांव पास आकर मुझे सलाम किया कि जैसे वह मुझसे कुछ कहना चाहता है। पूरा पढ़ें...
घरजमाई – प्रेमचंद की कहानी
हरिधन जेठ की दुपहरी में ऊख में पानी देकर आया और बाहर बैठा रहा। घर में से धुँआ उठता नज़र आता था। छन-छन की आवाज भी आ रही थी । पूरा पढ़ें...
गुल्ली डंडा – प्रेमचंद की कहानी
हमारे अंग्रेजी दोस्त मानें या न मानें मैं तो यही कहूंगा कि गुल्ली-डंडा सब खेलों का राजा है। अब भी कभी लड़कों को गुल्ली-डंडा खेलते देखता हूँ, तो जी लोट-पोट हो जाता है कि इनके साथ जाकर खेलने लगूँ। पूरा पढ़ें...
आत्माराम – प्रेमचंद की कहानी
वेदों-ग्राम में महादेव सोनार एक सुविख्यात आदमी था। वह अपने सायबान में प्रात: से संध्या तक अँगीठी के सामने बैठा हुआ खटखट किया करता था। पूरा पढ़ें...
आत्म-संगीत – प्रेमचंद की कहानी
आधी रात थी। नदी का किनारा था। आकाश के तारे स्थिर थे और नदी में उनका प्रतिबिम्ब लहरों के साथ चंचल। एक स्वर्गीय संगीत की मनोहर और जीवनदायिनी... पूरा पढ़ें...
कहानी – अलग्योझा
भोला महतो ने पहली स्त्री के मर जाने बाद दूसरी सगाई की, तो उसके लड़के रग्घू के लिए बुरे दिन आ गए। रग्घू की उम्र उस समय केवल दस वर्ष की थी। चैन से गॉँव में गुल्ली-डंडा खेलता फिरता था। पूरा पढ़ें...
कहानी – अपनी करनी
आह, अभागा मैं! मेरे कर्मो के फल ने आज यह दिन दिखाये कि अपमान भी मेरे ऊपर हंसता है। और यह सब मैंने अपने हाथों किया। शैतान के सिर इलजाम क्यों दूं, किस्मत को खरी-खोटी क्यों सुनाऊँ, होनी का क्यों रोऊं? पूरा पढ़ें...
कहानी – अनाथ लड़की
सेठ पुरुषोत्तमदास पूना की सरस्वती पाठशाला का मुआयना करने के बाद बाहर निकले तो एक लड़की ने दौड़कर उनका दामन पकड़ लिया। सेठ जी रुक गये और मुहब्बत से उसकी तरफ देखकर पूछा—क्या नाम है? पूरा पढ़ें...