चिड़िया और बन्दर – मित्रभेद की कहानी

एक जंगल में एक पेड पर गौरैया का घोंसला था। एक दिन कडाके की ठंड पड रही थी। ठंड से कांपते हुए तीन चार बंदरो ने उसी पेड के नीचे आश्रय लिया। एक बंदर बोला “कहीं से आग तापने को मिले तो ठंड दूर हो सकती हैं।” पूरा पढ़ें...

चिड़िया और बन्दर – मित्रभेद की कहानी

सिंह और सियार – मित्रभेद की कहानी

वर्षों पहले हिमालय की किसी कन्दरा में एक बलिष्ठ शेर रहा करता था। एक दिन वह एक भैंसे का शिकार और भक्षण कर अपनी गुफा को लौट रहा था। पूरा पढ़ें...

सिंह और सियार – मित्रभेद की कहानी

गौरैया और हाथी – मित्रभेद की कहानी

किसी पेड़ पर एक गौरैया अपने पति के साथ रहती थी। वह अपने घोंसले में अंडों से चूजों के निकलने का बेसब्री से इंतज़ार कर रही थी। पूरा पढ़ें...

गौरैया और हाथी – मित्रभेद की कहानी

तीन मछलियां – मित्रभेद की कहानी

एक नदी के किनारे उसी नदी से जुडा एक बडा जलाशय था। जलाशय में पानी गहरा होता हैं, इसलिए उसमें काई तथा मछलियों का प्रिय भोजन जलीय सूक्ष्म पौधे उगते हैं पूरा पढ़ें...

तीन मछलियां – मित्रभेद की कहानी

मूर्ख बातूनी कछुआ – मित्रभेद की कहानी

एक तालाब में कम्बुग्रीव नामक एक कछुआ रहता था। उसी तलाब में दो हंस तैरने के लिए उतरते थे। हंस बहुत हंसमुख और मिलनसार थे। कछुए और उनमें दोस्ती होते देर न लगी। पूरा पढ़ें...

मूर्ख बातूनी कछुआ – मित्रभेद की कहानी

टिटिहरी का जोड़ा और समुद्र का अभिमान – मित्रभेद की कहानी

समुद्रतट के एक भाग में एक टिटिहरी का जोडा़ रहता था । अंडे देने से पहले टिटिहरी ने अपने पति को किसी सुरक्षित प्रदेश की खोज करने के लिये कहा । टिटिहरे ने कहा - "यहां सभी स्थान पर्याप्त सुरक्षित हैं, तू चिन्ता न कर ।" पूरा पढ़ें...

टिटिहरी का जोड़ा और समुद्र का अभिमान – मित्रभेद की कहानी

शेर, ऊंट, सियार और कौवा – मित्रभेद की कहानी

किसी वन में मदोत्कट नाम का सिंह निवास करता था। बाघ, कौआ और सियार, ये तीन उसके नौकर थे। एक दिन उन्होंने एक ऐसे उंट को देखा जो अपने गिरोह से भटककर उनकी ओर आ गया था। पूरा पढ़ें...

शेर, ऊंट, सियार और कौवा – मित्रभेद की कहानी

नीले सियार की कहानी – मित्रभेद की कहानी

एक बार की बात हैं कि एक सियार जंगल में एक पुराने पेड के नीचे खडा था। पूरा पेड हवा के तेज झोंके से गिर पडा। सियार उसकी चपेट में आ गया और बुरी तरह घायल हो गया। पूरा पढ़ें...

नीले सियार की कहानी – मित्रभेद की कहानी

खटमल और बेचारी जूं – मित्रभेद की कहानी

एक राजा के शयनकक्ष में मंदरीसर्पिणी नाम की जूं ने डेरा डाल रखा था। रोज रात को जब राजा जाता तो वह चुपके से बाहर निकलती और राजा का खून चूसकर फिर अपने स्थान पर जा छिपती। पूरा पढ़ें...

खटमल और बेचारी जूं – मित्रभेद की कहानी

खरगोश और शेर – मित्रभेद की कहानी

किसी घने वन में एक बहुत बड़ा शेर रहता था। वह रोज शिकार पर निकलता और एक ही नहीं, दो नहीं कई-कई जानवरों का काम तमाम कर देता। पूरा पढ़ें...

खरगोश और शेर – मित्रभेद की कहानी